डॉ चंचल शर्मा
मातृत्व सुख या संतान सुख पाने के लिए अंडे की क्वालिटी का बेहतर होना बहुत जरुरी होता है। यदि अंडे की गुणवत्ता अच्छी है, तो प्रेगनेंसी के होने और भ्रूण निर्माण की पूर्ण संभावना होती है।
आयुर्वेद के अनुसार गर्भधारण करने के लिए बहुत सारी चीजों को ध्यान मे रखना होता है। भ्रूण के पोषण के लिए महिलाओं के प्रजनन अंगों का अच्छा होना बहुत जरुरी होता है। आयुर्वेद कहता है कि यदि महिला के अंडे की गुणवत्ता अच्छी है। तो उससे स्वस्थ भ्रूण का निर्माण होगा। World health organization के आंकडे बताते है कि – भारत में 10-15 प्रतिशत जोड़े प्राइमरी इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान है। इस समस्या के कारण महिला का माँ बन बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। परंतु संकेण्डरी इनफर्टिलिटी में पहली बाद प्रेगनेंसी कंसीव होने के बाद महिला के माँ बनने की अधिक संभावना होती है। आयुर्वेद ने वोमेन इनफर्टिलिटी के रिसर्ज हजारों वर्षों पहले सिद्ध कर दिये थे। कि महिलाओं के अंडे पर उम्र का सबसे अधिक प्रभाव पडता है। उसे ऐलोपैथी ने भी स्वीकार किया है।
हेल्दी एग की क्वालिटी इस बात पर निर्भर करती है। कि महिला का गर्भाशय कैसा है , मासिक धर्म की नियमितता कैसी है , प्रजनन क्षमता और गर्भधारण की क्षमता कैसी है। यदि यह सभी प्रजनन अंग पूरी तरह से एक्टिव (सक्रीय) है । तो अंडे की क्वालिटी बेहतर हो जाती है।
अंडे में क्वालिटी लाने के लिए कैसी होनी चाहिए महिलाओं की लाइफ स्टाइल ?
आयुर्वेद इस बात पर भी जोर देता है कि यह प्रजनन अंग तभी पूरी क्षमता के साथ कार्य करेंगे । जब महिलाएं अच्छी डाइट को फॉलो करेंगी । अच्छी जीवनशैली को अपनी जीवन का हिस्सा बनाएंगी। तनाव को अपनी लाइफ से दूर रखेंगी । यदि महिलाएं इन सभी बातों को ध्यान में रखती है । तो रक्त परिसंचारण और हार्मोन में अच्छा सुधार होगा। जिससे एग क्वालिटी बेहतर होगी।
प्रेगनेंसी के लिए एग का साइज़ कितना होना चाहिए ?
एक अच्छे और स्वस्थ अंडे का साइज 18 से 20 एमएम साइज का होना चाहिए । जो एक बेहतर प्रेगनेंसी के लिए अच्छा माना जाता है।
एग क्वालिटी बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय –
भारत में दिन-ब-दिन महिलाओं में इनफर्लिटीक की समस्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में यह एक अच्छा विचार है कि कैसे महिलाएं अपने अंडे की क्वालिटी अच्छी कर सके । परंतु यही महिलाओं की ओवरी में ठीक से अंडे ही न बनें । तो कैसे एक महिला गर्भधारण कर सकती है। यदि महिलाओं के अंडे में क्वालिटी नही होती है । तो गर्भधारण की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।
ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय है । जिसकी मदद से अंडों की गुणवत्ता में सुधार करके आप मातृत्व का सुख ले सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार यदि महिला का खानपान एवं दिन चर्या अच्छी है । तो अंडे स्वाभाविक रुप से अच्छी संख्या में बढ़ते है। और ऐसे में गर्भधारण की पूर्ण संभावना होती है। जब महिलाएं 90 दिन की एक साइकिल (चक्र) पूर्ण कर लेती है । तभी जाकर एक स्वस्थ अंडे का निर्माण होता है। परंतु खराब जीवनशैली एवं खानपान की वजह से बहुत सारी महिलाओं में यह अंडा नही बनता है। जिसके लिए आप आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकती है।
एवोकडो – एवोकडो एक सुपरफूड है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व पाये जाते है । जो फर्लिटिली को बढ़ाने में अच्छी मदद करते है। एवोकडो में मोनो-अनसैचुरेटेड वसा होता है। जो अंडे की गुणवत्ता और प्रजनन स्वास्थ्य में अच्छा सुधार करता है।
बींस और दालें – आज कल महिलाओं में प्रोटीन और आयरन की कमी एक चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे ओवुलेशन की समस्या सबसे ज्यादा आती है। क्योंकि अगर महिलाओं के शरीर में हार्मोन का स्तर ठीक नही है तो फिर महिलाएं गर्भधारण नही कर सकती है। बींस तथा दालों मेें पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन बी कॉम्पलेक्स एवं अन्य जरुर पोषक तत्व होते है। जो अंडे की क्वालिटी बढ़ाने के साथ-साथ फर्टिलिटी में बेहतर सुधार करते है।
दालचीनी – दालचीनी एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि जो फर्टिलिटी के लिए सुपर आयुर्वेदिक मेडिसिन का कार्य करती है। ये ओवरी के कार्य करने की क्षमता में सुधार करती है और अंडे की संख्या बढ़ाने में इजाफा करती है।
अदरक – अदरक एक ऐसा सुफरफूड है । जो पाचन में सुधार और रक्त प्रवाह को ठीक करता है। यह प्रजनन तंत्र से जुडी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। मासिक चक्र को नियमित करता है और प्रजनन अंगों की सूजन को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।
तिल के बीज – तिल के बीजों में जिंक पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। जिंक हेल्दी एग बनाने वाले हार्मोन का निर्माण करता है। जिससे एग जल्दी बनते है ।
यह खास जानकारी आशा आयुर्वेदा की निःसंतानता विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा से हुई बातचीत के दौरान प्राप्त हुई है। यदि आप भी निःसंतानता की वजह से अभी तक मातृत्व सुख से दूर है । तो आशा आयुर्वेदा में संपर्क करें।
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