नयी दिल्ली। फोर्टिस एस्कॉिर्ट्स हार्ट इंस्टी ट्यूट के डॉक्ट रों ने भविष्य् में हार्ट अटैक की आशंका का पता लगाने के लिए एक आसान टैस्टर ‘कैल्शियम स्कोॉरिंग टैस्टो’उपयोग किया है। इस टैस्टप के जरिए, एक खास सीटी इमेजिंग की मदद से कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम की मात्रा का पता लगाया जाता है –जिसकी पुष्टि आर्टरी में कैल्शियम के जमाव और उसके घनत्वा के आधार पर की जाती है। यह पाया गया है कि कैल्शियम हमारी हडि्डयों के लिए बेशक महत्विपूर्ण है लेकिन कोरोनरी आर्टरी में इसकी अधिक मात्रा का होना हृदय रोगों के लिए खतरे की घंटी है। इसीलिए कैल्शियम स्कोेरिंग टैस्ट की मदद से हार्ट अटैक के जोखिम के बारे में पहले से ही पता लगाना आसान होता है। यह टैस्टर कोरोनरी आर्टरीज़ मेंकैल्शियम के जमाव की मात्रा का सही-सही आकलन करने में मददगार है। ज़ीरो स्कोटर का मतलब है कि रक्तलवाहिकाओं में कैल्शियम की मौजूदगी नहीं है, यानी अगले कुछ दशकों में हार्ट अटैक की संभावना काफी कम है। इसके उलट, अधिक स्कोरर का मतलब है कि हृदय रोग का जोखिम भी अधिक है। 100-300 का स्कोदर सामान्यह तौर पर जोखिम का सूचक है जबकि 400 से अधिक स्को,र कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉदकेज को दर्शाता है।
डॉ अशोक सेठ, चेयरमैन – फोर्टिस एस्कॉूर्ट्स हार्ट इंस्टीसट्यूट ने कहा, ”हार्ट अटैक हम सभी के लिए एक चेतावनी होता है। देश में खासतौर से युवाओं में, हृदय रोगों की वजह से मौतें बढ़ रही हैं। कैल्शियम स्को।रिंग एक नया तरीका है जो भविष्यॉ में हार्ट अटैक के जोखिम का पूर्वानुमान लगा सकता है और आर्टरीज़ में कैल्शियम की मौजूदगी पता लगाने का मकसद लाइफस्टामइल में बदलाव लाकर जोखिम को कम करने के लिए प्रेरित करना है।” डॉ पीयूष जैन, डायरेक्टार, नॉन-इंटरवेंशनल कार्डियोली एवंहैड डिपार्टमेंट ऑफ प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी – फोर्टिस एस्कॉरर्ट्स हार्ट इंस्टीइट्यूट ने कहा, ”कैल्शियम स्को्रिंग टैस्टी से कार्डियोलॉजिस्ट भविष्यट में हृदय रोगों की आशंका का पता लगा सकते हैं। यह पीड़ा-रहित, सुरक्षित तरीका है और इसके साइड इफेक्टस भी कम हैं। कैल्शियम स्कोतरिंग एक नया तरीका है जो जोखिमों का समय पर पता लगाकर आर्टरीज़ में ब्लॉ केज को और बढ़ने से रोकने में भी मददगार है।”
डॉ मोना भाटिया,डायरेक्टबर एवं हैड, डिपार्टमेंट ऑफ रेडियोलॉजी ने कहा, ”कैल्शियम स्को रिंग को अब जोखिम आकलन और उपचार के संदर्भ में दुनियाभर में मान्य ता मिल चुकी है। यह स्कैबन उन मरीज़ों के काफी उपयोगी जो जिनके बारे में माना जाता है कि वे हृदय रोगों के अनिश्चित जोखिमों से ग्रस्त हैं। साथ ही, हृदय रोगों के सामान्ये जोखिमों से घिरे लोगों को भी अपनी जीवनशैली में सुधार कर जोखिम कम करने के लिए प्रेरित कर सकता है।”
Must Read