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मनीष सिसोदिया ने उत्तराखंड की जनता को किया वर्चुअली संबोधित

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को वर्चुअली जुड़कर उत्तराखंड की जनता को संबोधित करते हुए नव-परिवर्तन संवाद का आगाज किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह दिल्ली की जनता ने दिल्ली में आप की सरकार को वोट देकर चुना, ठीक वैसे ही उत्तराखंड की जनता भी अबकी बार आप पार्टी की सरकार को चुने ताकि दिल्ली जैसा विकास उत्तराखंड में भी संभव हो पाए। उन्होंने कहा कि 35 दिन बाद उत्तराखंड में नई सरकार के लिए चुनाव होना है।

उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को नई सरकार के लिए चुनाव होना है। लेकिन यह चुनाव सिर्फ नई सरकार के लिए नहीं होगा बल्कि इस चुनाव से कई सवाल जुडे़ हुए हैं कि यहां की शिक्षा बेहतर कैसी होगी, यहां के युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा, यहां की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो पाएगा, क्या पलायन पर रोक लग पाएगी, यह चुनाव इन सवालों से सीधे जुड़ा होगा।

उन्होंने आगे कहा कि यहां के लोगों ने इस राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ते हुए आंदोलन किए क्योंकि उस वक्त लखनऊ बहुत दूर हुआ करता था लेकिन अफसोस कि उत्तराखंड का विकास और भला आज तक 21 सालों में भी नहीं हो पाया। 21 साल पहले एक महान आंदोलन के बाद उत्तराखंड का जन्म हुआ – देवभूमि की माताओं, युवाओं, बुजुर्गों के संघर्ष से मिला है उत्तराखंड राज्य। 21 साल पहले जो आंदोलन लड़ा गया था उसका फायदा सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को हुआ लेकिन यहां की जनता के हाथ आज भी खाली हैं। आज भी यहां के लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। 21 साल पहले स्कूलों और अस्पतालों की जो स्थिति हुआ करती थी वो स्थिति आज भी वैसी ही बनी हुई है। यहां की जनता को तो कुछ हासिल नहीं हुआ लेकिन यहां के नेता 21 सालों में मालामाल हो गए।

उन्होंने आगे कहा कि अब सवाल सिर्फ आप पार्टी को वोट देने तक सीमित नहीं है बल्कि उत्तराखंड के युवाओं के सपने पूरे करने का सवाल सबसे अहम है। अगर 21 सालों में इन सरकारों द्वारा कुछ किया गया होता तो आज महिलाएं प्रसव के दौरान दम नहीं तोड़ती, अगर दोनों दलों द्वारा कुछ किया होता तो आज प्रदेश में अच्छे अस्पतालों का अभाव नहीं होता, अगर दोनों दलों द्वारा कुछ किया होता तो उत्तराखंड के स्कूल आज शानदार होते और लोगों को पलायन नहीं करना पड़ता और अन्य राज्यों के लोग भी यहां आते , लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात है कि इन दोनों दलों ने 21 सालों में कुछ नहीं किया जिसका खामियाजा आज प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। आज यहां की हालत यह है कि जनता के लिए न तो अच्छे अस्पताल हैं, न अच्छे स्कूल हैं, न सस्ती बिजली-पानी है, न अच्छी सड़कें है और न ही रोजगार है।

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