लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख गुरुओं, सिख राजाओं एवं सिख क्रान्तिकारियों के बगैर भारत का इतिहास अधूरा है। गुरु नानक जयन्ती का यह प्रकाश पर्व केवल सिख समुदाय तक न रख करके सम्पूर्ण भारत के पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव पहुंचे हुए सिद्ध योगी संत थे। उन्होंने पूरे भारत में भ्रमण करते हुए सत्संग व उपदेश दिए। वे असाधारण प्रतिभा के धनी थे। उन्हें अपनी सिद्धि का अहंकार नहीं था। वे सामान्य मनुष्य न होकर दिव्य गुणों से परिपूर्ण थे।
मुख्यमंत्री ने आज यहां डी0ए0वी0 कॉलेज में आयोजित साहिब श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 552वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रकाशोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूरा देश सिख गुरुओं के त्याग व बलिदान से प्रेरणा प्राप्त करके देश व धर्म के लिए सदैव कार्य करता रहेगा। गुरु जी अपनी साधना सिद्धि से भक्ति की पराकाष्ठा पर पहुंचे। सिख परम्परा की भक्ति से प्रारम्भ वह ज्योति पुंज अन्ततः गुरु गोविन्द सिंह महाराज में शक्ति के तेज पुंज के रूप में भारत के उद्धारक की तरह सदैव स्मरण किए जाते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने बाबर जैसे आक्रांता को जाबर कहने का साहस किया था। बाबर के कृत्य को धर्म और मानवता विरोधी कहा था। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं के महान तप व साधना, सिद्धि और उनके चमत्कार के साथ-साथ देश व धर्म के लिए उनके योगदान को हमेशा स्मरण करते हुए हम सबको उनसे प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए।