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उद्योगपति मनोज के. जैन की पुत्री के विवाह में दिग्गजों का जमावड़ा

नई दिल्ली। उद्योगपति मनोज के. जैन की पुत्री महिमा जैन का विवाह दिल्ली के ही चार्टर्ड एकाउंटेंट अखिल गुप्ता के साथ भव्यता के साथ कुंदन फार्म्स, कापसहेड़ा में 11 दिसंबर 2021 को सम्पन्न हुआ, जिसमें शासन-प्रशासन के महत्वपूर्ण नेता, प्रशासनिक अधिकारियों समेत दिल्ली समाज के गणमान्य लोगों ने पहुंचकर वर-वधु को मंगल शुभाशीर्वाद दिया और जो इन अद्भुत क्षणों के साक्षी न बन सके, उन्होंने यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण देखते हुए मनोज जी की कार्यशैली की दाद दी। चाहे व्यापार की बात हो, राष्ट्रसेवा, समाज सेवा या फिर जैन समाज की एकता की, मनोज जी के काम करने के तरीके की सर्वदा वाहवाही ही होती है और उनका हमेशा कुछ नया करने का प्रयास रहता है। निश्चित रूप से उनके माता-पिताजी (श्रीमती सविता जैन-महेश जैन) को उनके इस मुकान पर पहुंचाने का बहुत बड़ा श्रेय रहा है। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती दीपाली जैन का भी उनके सभी कार्यों में सराहनीय योगदान रहता है।
वर-वधु पेशे से दोनों ही सीए हैं। दूल्हा अखिल गुप्ता (सुपुत्र श्रीमती मधुबाला एवं श्री नरेश कुमार गुप्ता) हालांकि जैन नहीं है, पर विवाह संस्कार सभी जैन विधि से सम्पन्न हुए। विशेष बात देखने को मिली कि दूल्हे को णमोकार महामंत्र कंठस्थ है और पूजा के समय मौजूद बारातियों के साथ लड़के ने णमोकार महामंत्र का भक्ति से उच्चारण किया।
वर-वधू को आशीर्वाद प्रदान करने के लिये विवाह स्थल पर पहुंचे गणमान्य लोगों में लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला जी, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, सांसद श्री प्रवेश साहिब सिंह एवं उनकी धर्मपत्नी, गांधी स्मारक के वाइज चेयरमैन श्री विजय गोयल, झुझारूं नेता श्री श्याम जाजू, पूर्व राज्य कपड़ा मंत्री श्री अजय टमटा, डीडीसीए सचिव श्री सिद्धार्थ वर्मा, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार श्री सतीश अरोड़ा आदि शामिल थे। गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने फोन पर शुभकामनाएं प्रेषित की। दिल्ली के जैन समाजों में से अनेक गणमान्य व्यक्ति पधारें, जिनमें महासमिति अध्यक्ष श्री मणीन्द्र जैन, दिल्ली जैन समाज अध्यक्ष श्री चक्रेश जैन ने फोन पर बधाई दी, उनकी ओर से उनकी बेटी-दामाद पधारे, भगवान महावीर देशना फाउंडेशन एवं जैन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुभाष जैन ओसवाल, सीए राजीव जैन, सीए अनिल जैन सीए आदि वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे।
जैन परंपरा के अनुरूप बारात का स्वागत सूर्यास्त पूर्व हुआ। सूर्यास्त पूर्व भोजन की संपूर्ण व्यवस्था थी। बारात का स्वागत भारतीय वाद्यों के अनोखे संगम – बैंड बाजे – नपीरियों से शाही अंदाज में किया गा। प्रधानमंत्री मोदीजी का भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में जो प्रयास रहता है, उसका यह जीता-जागता उदाहरण था। वाद्यों की जंकार पर बारातियों – अतिथियों का स्वागत राजा-महाराजओं के समय में होने वाले विवाह का दृश्य पैदा कर रहा था।
भारतीय संस्कृति और प्रफोर्मेंंस स्टेज पर गिटार पर कलाकार उत्सव में रंग भरने में पीछे नहीं थे। जैन परंपरा में बारात का स्वागत देखकर वहां मौजूद जैनेत्तर समाज गदगद था। आज कल दुल्हन की एंट्री देखने के लिये, विशेषकर महिला वर्ग बहुत उत्सुक रहता है। परियों की वेश-भूषा में नृत्यांगनाओं के साथ दुल्हन ने प्रवेश किया। दुल्हन के आगे कत्थक-भरतनाट्यम की प्रस्तुतियां बेहद मनभावन लग रही थी। उसी समय सांसद प्रवेश वर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी ने दुल्हन के साथ आकर उत्सव में चार चांद लगा दिये। जयमाला का दृश्य अविस्मरणीय था, सभी ने वह दृश्य देख भाव-विभोर हो उठे। परंपराओं, आकर्षक साज-सज्जा, मनभावन कार्यक्रमों के बीच सबसे खास बात थी – हमारी परंपरा – अतिथि देवों भव का सजीव नजारा देखने को मिल रहा था। अतिथियों के स्वागत में कोई कमी नहीं था, भोजन बैठकर करने की अच्छी व्यवस्था। कुल मिलाकर कहे तो यह विवाह उत्सव वैभवशाली रूप में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हआ जहां परंपरा, संस्कृति, अतिथि सरकार का विशेष ध्यान रखा गया। समय का अनुशासन गजब का था। श्री ओम बिरला जी ने तो कहा मैं यह पहली शादी देख रहा हूं, जहां कार्ड पर लिखे समयानुशार सभी कार्य सम्पन्न हो रहे हैं।

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