नयी दिल्ली। बाल दिवस पर विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ब्रेनली के लेटेस्ट सर्वे में यह सामने आया है कि स्टूडेंट्स ने बाल दिवस पर अपने स्कूलों में होने वाले समारोह में शामिल न होना व्यक्तिगत तौर पर काफी मिस किया। इससे पहले की स्टडीज से पता लगा था कि 77 फीसदी स्टूडेंट्स स्कूल फिर से खुलने पर भी पढ़ाई में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद ले रहे हैं। करीब 75 फीसदी स्टूडेंट्स चाहते हैं कि उनके स्कूलों में निकट भविष्य में ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई का एक मिश्रित मॉडल फॉलो किया जाए। सर्वे के हाल ही में आए नतीजों से यह सुझाव मिलता है कि बच्चे स्कूल खुलने पर अपने दोस्तों और टीचर्स से मिलने और उनके साथ बाल दिवस जैसे समारोह मनाने के लिए बेहद उत्साहित थे। सर्वे के मुख्य नतीजे इस प्रकार हैं :
- 78 फीसदी भारतीय बच्चे बाल दिवस के समय वापस स्कूल लौटने के लिए बेहद उत्साहित हैं
कोविड-19 महामारी का सबसे बड़ा प्रभाव कहीं भी आने-जाने और किसी समारोह में लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध के रूप में सामने आया। बच्चों के लिए शारीरिक रूप से स्कूल अटेंड किए हुए 2 साल का लंबा समय बीत चुका है। हालांकि उन्होंने इस अवधि में डिजिटल लर्निंग को अपना लिया है। 78 फीसदी बच्चे ठीक बाल दिवस के समय स्कूलों में अपने दोस्तों और टीचर्स से मिलने के लिए स्कूल जाने के विचार से काफी उत्साहित हैं।
- अधिकतर स्टूडेंट्स को स्कूल में होने वाले समारोहों में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने की उम्मीद है
79 फीसदी बच्चों ने बताया कि स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के बाद उन्होंने स्कूलों में होने वाले समारोहों को व्यक्तिगत रूप से अटेंड न कर पाना काफी मिस किया। 55 फीसदी बच्चों ने बताया कि 2021 के अंतिम महीनों में स्कूलों के खुलने के बाद उनके स्कूल ने ऑन ग्राउंड इवेट्स आयोजित किए हैं। वह इस समय बड़ी बेसब्री से बाल दिवस पर अपने स्कूलो में होने वाले आगामी समारोह का बेताबी से इंतजार कर रहे हैं।
- 52 फीसदी बच्चों ने कहा कि उनके स्कूलों में बाल दिवस पर समारोह आयोजित किया जा रहा है
बाल दिवस सबसे लोकप्रिय और बहुप्रतीक्षित अवसरों में से एक है, जब स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों साथ मिलकर किसी समारोह को मनाते हैं। ब्रेनली सर्वे के नतीजे से यह सामने आया कि 71 फीसदी स्टूडेट्स को यह मालूम है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर प्रतीक रूप में बाल दिवस मानाया जाता है। बाल दिवस का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों, उनकी देखभाल और शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। हालांकि, सर्वे के इस नतीजे का सभी को स्वागत करना चाहिए कि 52 फीसदी स्टूडेंट्स ने कहा कि उनके स्कूलों में जमीनी स्तर पर ऑफलाइन बाल दिवस समारोह मनाया जा रहा है।