नोएडा : स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन ने एशियन पेंट्स के साथ मिलकर पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट फॉर चाइल्ड हेल्थ नोएडा में बच्चों के लिए स्टार्ट केयर वर्कशॉप का आयोजन किया। यह कार्यशाला अपनी तरह का एक अनूठा कला आयोजन थी और स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के कला मध्यवर्तन ‘स्टार्ट केयर’ का विस्तार थी। स्टार्ट केयर का लक्ष्य सरकार द्वारा संचालित संस्थानों में जरूरी राहत और आनंद पहुंचाना है। स्टार्ट केयर के फलस्वरूप जिस संस्थान का सबसे पहले कायाकल्प होगा, वह नोएडा का पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट फॉर चाइल्ड हेल्थ है। वर्कशॉप में ऋद्धिमा कपूर साहनी भी मौजूद थीं और उनके साथ मौजूद थीं वे मम्मी ब्लॉगर्स, जो कला के लिए रुझान में बच्चों को सपोर्ट कर रही थीं। पेपर आर्टिस्ट संजीव कुमार चौहान ने अस्पताल में ऐसी विधि से कागज के खिलौने बनाने में बच्चों की मदद की, जो कला को उनके लिए ज्यादा मजेदार और सुलभ बनाती हैं।
स्टार्ट केयर वर्कशॉप रचनात्मक रुचि और योग्यता को बढ़ावा देते हुए बच्चों को आराम और कला-निर्माण की प्रक्रिया का आनंद देती है। वर्कशॉप में ऐसी गतिविधियां हुईं, जिनमें सभी बच्चों की रचनात्मक अभिव्यक्ति सुनिश्चित करने के तरीके शामिल थे, चाहे बच्चे चाहे वार्ड में हों या बेड के पास। कह सकते हैं कि यह वर्कशॉप अस्पताल में होने के तनावपूर्ण और डराने वाले अनुभव को खासकर नन्हे मरीजों के लिये अनुकूल बनाने की एक कोशिश है। यानी, अस्पताल में बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए मजेदार गतिविधियां आयोजित कर एशियन पेंट्स और स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन बच्चों के अस्पताल में स्वास्थ्य देखभाल के समग्र अनुभव पर सकारात्मक धारणा बना रहे हैं।
स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के सह-संस्थापक अर्जुन बहल ने कहा, ‘हमने ऐसी जगहों पर कला को लाकर उनमें बदलाव करने के उद्देश्य से स्टार्ट केयर प्रोजेक्ट शुरू किया है जिनकी आमतौर पर उपेक्षा की जाती है, जैसे कि बच्चों के अस्पताल, ओल्ड एज होम्स, ऑर्फन होम्स, आदि। हमारा मिशन सरकारों, एनजीओ और लाभ-निरपेक्ष संगठनों से फंडिंग पाने वाली जगहों में दृश्यात्मक विवरण, रंगों और जीवंतता से योगदान देना है। इस वर्कशॉप के जरिये हम अस्पताल में नन्हे मरीजों को अपनापन का एहसास देने के लिए जुड़ाव की एक गहन प्रक्रिया लाने और म्युरल बनाने की प्रक्रिया में उन्हें सहभागी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम आभारी हैं कि हमारे सपने में हमारा भागीदार एशियन पेंट्स इस तरह के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में हमारा साथ दे रहा है। मैं द पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, नोएडा के प्रबंधन और फैकल्टी मेम्बर्स को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने पहले एडिशन में हमारे साथ काम किया और ऐसी जगहें बनाने के हमारे सपने को साकार किया जहां कला उनके लिए सुलभ हो, जिन्हें उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।’
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