नई दिल्ली। एशिया की सबसे बड़ी एपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी, एम2पी फिनटेक ने अपने ‘कोर लेंडिंग सूट’ (सीएलएस) की घोषणा की है, जो अपनी रेजटेक, लेंडटेक, और बैंकटेक क्षमताओं का इस्तेमाल करता है। एम2पी का सीएलएस डिजिटल फर्स्ट लेंडिंग मॉडल पर काम करता है, जो विभिन्न क्षमताओं का अपनी तरह का अलग इंटीग्रेटेड सूट है और लेंडर्स को लेंडिग उत्पाद तेजी से कस्टमाईज़ करने, विकसित करने, बाजार में टेस्ट करने, पुनरावृत्ति करने और प्रस्तुत करने में समर्थ बनाना है।
सीएलएस अभिनव उत्पादों के विकास, नए लेंडिंग मॉडलों की टेस्टिंग, कंज़ंप्शन की विभिन्न परतों के उपयोग, लेंडिंग संस्थानों के लिए गो-टू-मार्केट रणनीतियों के लिए डिज़ाईन किया गया है, जिसके कारण यह लेंडिंग उद्योग में अपनी तरह का पहला उत्पाद है। इस प्लेटफॉर्म में लेंडिंग के विभिन्न पहलू, जैसे ऑनबोर्डिंग (डिजिटल आईडेंटिटी एवं केवाईसी), लोन मैनेजमेंट (लोन ओरिजिनेशन, लोन मैनेजमेंट), डेब्ट मैनेजमेंट (कलेक्शंस), गो टू मार्केट स्ट्रेट्जीज़ (पार्टनरशिप्स एवं ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क), डेटा सेवाएं (अकाउंट एग्रीगेशन), ऑपरेशंस (फिनऑप्स, रिकॉन), और कंज़ंप्शन प्लेटफॉर्म्स (बाय नाउ पे लेटर, कार्ड्स, यूपीआई, एवं फ्लीट) शामिल हैं, जो सीएलएस की एंड-टू-एंड प्रस्तुतियों का हिस्सा होंगे।
मधुसूदन आर, को-फाउंडर, एम2पी फिनटेन ने कहा, ‘‘ओरिगा, विज़ि, बीएसजी आईटी सॉफ्ट, फिनफ्लक्स, सिंटीज़न, और फिन्वु में हमारे अधिग्रहण और निवेश हमारी मौजूदा क्षमताओं के साथ लेंडिंग वैल्यू चेन के लिए एक समग्र संग्रह में विकसित हुए हैं। एम2पी के मुख्य लेंडिंग संग्रह के साथ हमारा उद्देश्य लेंडिंग को जनसुलभ बनाना और अभिनव उत्पादों की अगली पीढ़ी का ऊर्जास्रोत बनना है। एम2पी में हम अभिनवता में अग्रणी हैं, और आरबीआई द्वारा हाल ही में डिजिटल लेंडिंग के दिशानिर्देश जारी होने के साथ लेंडर्स के लिए ऑनबोर्डिंग से लेकर क्रेडिट के कंज़ंप्शन और बैलेंस शीट के प्रबंधन तक लेडिंग क्षमताओं को समग्र रूप में देखने का यह बिल्कुल उपयुक्त अवसर है। आर्थिक वृद्धि में एनबीएफसी एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के महत्व के कारण लेंडर्स को उत्पादों, टूल्स की शक्ति प्रदान करना, और बेहतर ग्राहक अनुभव एवं प्रभावशाली लोन प्रबंधन के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करना बहुत आवश्यक है।’’
फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज़्यूमर एम्पॉवरमेंट (फेस) के अनुसार, फिनटेक लेंडिंग कंपनियों ने वित्तवर्ष 2021-22 में वितरण में वृद्धि की, और 18,000 करोड़ रु. मूल्य के कुल 2.66 करोड़ लोन वितरित किए। आरबीआई द्वारा डिजिटल लेंडिंग के लिए नई गाईडलाईंस के साथ यह सेक्टर परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। अनेक पुरानी और नए युग की वित्तीय सेवा कंपनियां एक या ज्यादा लेंडिंग प्लेटफॉर्म कंपोनेंट्स में सेवाएं चुन सकती हैं, क्योंकि भारत में कुल लेंडिंग बाजार का आकार लगभग 150 लाख करोड़ रु. है। ग्राहकों के पारंपरिक सफर में डिजिटाईज़ेशन और वितरण की प्रभावशीलता बढ़ाना लेंडिंग उद्योग को आगे बढ़ाने वाले सबसे मुख्य केंद्रण के क्षेत्र होंगे।
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