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बिरला फर्टिलिटी एवं आईवीएफ में टेस्टिकुलर कैंसर के मरीज का ऑपरेशन

नई दिल्ली। फर्टिलिटी के भविष्य में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से फर्टिलिटी केयर में ग्लोबल लीडर बनने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ, बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ ने दिल्ली में एक 33 वर्षीय पुरुष मरीज की माईक्रोसर्जिकल टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (माईक्रो टेसा) सर्जरी की, जिसे टेस्टिकुलर कैंसर का इतिहास रहा है। इस सर्जरी के माध्यम से वह और उसकी पत्नी चार सालों तक इन्फर्टिलिटी से लड़ने के बाद संतानप्राप्ति करने में सफल रहे।
स्नेहा के पति को सेमिनोमा का इतिहास रहा था, जो पुरुषों में पाए जाने वाले टेस्टिकुलर कैंसर का धीरे-धीरे बढ़ने वाला प्रकार है। इसका इलाज कराने से पहले, उन्होंने अपने स्पर्म को फ्रीज़ कराया, ताकि कैंसर से ठीक होने के बाद पिता बनने की संभावनाएं बची रहें। टेस्टिकुलर कैंसर का इलाज कराने के बाद दंपत्ति ने 4 सालों तक संतान प्राप्ति की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। यह दंपत्ति अंततः इलाज के लिए बिरला फर्टिलिटी एवं आईवीएफ आया, जहाँ बिरला फर्टिलिटी एवं आईवीएफ में कंसल्टैंट, डॉ. प्राची बेनारा के नेतृत्व में फर्टिलिटी विशेषज्ञों की एक टीम ने पाया कि मरीज के स्पर्म की क्वालिटी बहुत खराब थी, जिसके कारण दंपत्ति द्वारा संतानप्राप्ति की संभावना घटकर 10 प्रतिशत रह गई थी। डॉ. प्राची और उनकी टीम ने माईक्रो टेसा (माईक्रोसर्जिकल टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन, जिसे आम तौर से माईक्रो टेसे कहते हैं) की मदद से सफलतापूर्वक स्पर्म निकाला। दंपत्ति ने एक स्वस्थ कन्या को जन्म दिया है। माईक्रो-टेसे एक माईक्रोसर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें स्पर्म उत्पादन की विकृत प्रक्रिया के कारण स्पर्म सीधे एज़ूस्पर्मिया से पीड़ित मरीजों की टेस्टिस से निकाले जाते हैं। यह एक एडवांस्ड प्रक्रिया है जिसके लिए माईक्रोसर्जरी एवं टेस्टिकुलर एनाटोमी की समझ व कौशल होना जरूरी है।
डॉ. प्राची बेनारा, कंसल्टैंट, बिरला फर्टिलिटी एवं आईवीएफ, गुड़गांव ने बताया, ‘‘विशेष तरह के कैंसर से पीड़ित या कैंसर का इलाज करा रहे पुरुषों में अक्सर फर्टिलिटी की समस्याएं हो सकती हैं। इसी जगह फर्टिलिटी के संरक्षण की प्रक्रियाएं काफी महत्वपूर्ण और फायदेमंद हो जाती हैं, जो दंपत्तियों को संतानप्राप्ति का अपना सपना पूरा करने में मदद करती हैं, और कैंसर के बाद उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी करती हैं। मरीजों को फर्टिलिटी का संरक्षण करने के अपने विकल्पों के बारे में नहीं पता होता है, क्योंकि उनका मुख्य केंद्रण कैंसर के निदान और उसके इलाज पर होता है। हालाँकि, हाल ही में हुई प्रगति, जैसे कैंसर फर्टिलिटी प्रिज़र्वेशन से मरीजों को लंबे समय तक अपनी फर्टिलिटी को संरक्षित रखने में मदद मिल सकती है। फर्टिलिटी के संरक्षण में हुई प्रगति एवं इलाज के अन्य विकल्प, जैसे कॉर्टेक्स फ्रीज़िंग और ओवेरियन टिश्यू फ्रीज़िंग ने कैंसर मरीजों को प्रजनन के स्वास्थ्य को संरक्षित करने एवं फर्टिलिटी को भविष्य के लिए सुरक्षित करने की दिशा में काफी उम्मीद प्रदान की है।’’
इस मामले में अक्षत सेठ, सीईओ, सीके बिरला हैल्थकेयर ने कहा, ‘‘देश में फर्टिलिटी का क्षेत्र फर्टिलिटी के समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित है, जिससे गुणवत्तायुक्त एवं मरीज पर केंद्रित हैल्थकेयर पर केंद्रण बढ़ा है। फर्टिलिटी के इलाज के विस्तृत एवं आधुनिक पोर्टफोलियो, जैसे पुरुष फर्टिलिटी का इलाज, महिलाओं की फर्टिलिटी का इलाज, और जेनेटिक स्क्रीनिंग, माईक्रोस्कोपिक बायोप्सी, स्पर्म प्राप्त करने एवं रेयर स्पर्म फ्रीज़िंग, एग फ्रीज़िंग, ओवेरियन टिश्यू फ्रीज़िंग और डायग्नोस्टिक्स की आधुनिक सुविधाओं के साथ फर्टिलिटी के समाधान अब बहुत तेजी से विकसित हो रहे हैं। इसके अलावा, फर्टिलिटी एक भावनापूर्ण सफर है और फर्टिलिटी के इलाज की प्रक्रिया में सहानुभूति लाए जाने की जरूरत है। रोगियों की व्यक्तिगत रुचियों को समझना, उनकी पसंद का सम्मान करना और हर मरीज की सुविधा के अनुरूप उसे अनुकूल इलाज प्रदान करना बहुत जरूरी होता है।

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