Sunday, December 22, 2024
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सामान्य जन के मन के विश्वास का सेतु बनें भाजपा कार्यकर्ता: मोदी

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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से सामान्य जन के मन के विश्वास का सेतु बनने का आह्वान किया और कहा कि देश की राजनीति में पार्टी ने आज जो मुकाम हासिल किया है, उसका बहुत बड़ा कारण जनता से उसका जुड़ाव ही रहा है। राजधानी स्थित नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के सम्मेलन कक्ष में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एकदिवसीय बैठक के समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों खासकर, कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा कोई परिवार अधारित पार्टी नहीं है।

प्रधानमंत्री के संबोधन की जानकारी मीडिया से साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि मोदी ने आने वाले समय में भाजपा की कार्यनीति को बनाने के लिए एक बड़ा मंत्र सभी कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को सामान्य आदमी के मन के विश्वास का सेतु बनना चाहिए।’’ यादव के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने पार्टी के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि भाजपा ने आज केंद्र में जो स्थान पाया है, उसका बहुत बड़ा कारण है कि पार्टी प्रारंभिक काल से लेकर और अभी तक सामान्य व्यक्ति से हमेशा जुड़ी रहती है। बकौल यादव प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा कोई परिवार आधारित पार्टी नहीं है। पार्टी जिन मूल्यों को लेकर चली है, उसमें सेवा, संकल्प और समर्पण जुड़ा है…कोई एक परिवार के साथ जुड़कर नहीं। पार्टी की परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए और कड़ी मेहनत व परिश्रम के कारण हम आगे बढ़े हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को आने वाले समय में इसी विश्वास और अपनत्व को लेकर चलना होगा।

साजिद नाडियाडवाला ने एनजीई फैमिली के लिए एक पूरा शो किया बुक

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मुंबई। कोरोनावायरस महामारी के कारण 18 महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद अब सिनेमा घर खुल गए हैं। सिनेमाघरों के फिर से खुलने के बाद “सूर्यवंशी” थिएटर में रिलीज होने वाली पहली फिल्म में से एक बन गई है। इस साल भारत में सिनेमाघरों के फिर से खुलने के साथ रोशनी का त्योहार दीवाली सेलिब्रेट किया गया है, नाडियाडवाला ग्रैंडसन ने थिएटर खुलने का जश्न मनाते हुए एक हैप्पी तस्वीर ट्वीट की है। विपुल निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने एनजीई परिवार के लिए एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया है और सूर्यवंशी टीम को शुभकामनाएं दी हैं।

इस साल की शुरुआत में साजिद नाडियाडवाला ने ‘हीरोपंती 2’ के कलाकारों और क्रू के लिए लंदन में डेनियल क्रेग की ‘नो टाइम टू डाई’ के लिए एक पूरा थिएटर बुक किया था। साजिद नाडियाडवाला की ‘तड़प’ 3 दिसंबर 2021 में रिलीज़ होगी।

कभी मैट्रिक की परीक्षा वाले दिन भी गोभी और बैगन बेचा, अब दूसरों को कर रहे हैं शिक्षित

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ए एन शिब्ली

यह बात 1988 की है, बिहार में मैट्रिक की परीक्षा हो रही थी। एक लड़का जिसका परीक्षा केंद्र दरभंगा में राज हाई स्कूल था, वह रोजाना लगभग 20 किलोमीटर दूर अपने घर धेपुरा से गोभी और बैगन लेकर जाता पहले उसे दरभंगा शहर में टावर चौक के पास बेचता और फिर जाकर मैट्रिक की परीक्षा देता। आज वही लड़का एक स्कूल स्थापित कर सैकड़ों बच्चों को शिक्षित कर रहा है और उसकी एक ही तमन्ना है जीवन में जो कठिनाई उसने झेली, वह कोई दूसरा बच्चा नहीं झेले और बेहतर शिक्षा हासिल करने के बाद वह आसान और शानदार जीवन गुजारे।
1988 में गोभी बैगन बेचते हुए मैट्रिक की परीक्षा देने वाले उस छात्र का नाम है हरि नारायण यादव जिन्हें इलाके के लोग ‘उमेश नर्सरी वाले’ के नाम से ज्यादा जानते हैं।
हरि नारायण यादव आज मधुबनी जिला के धेपूरा में इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के नाम से एक स्कूल चलाते हैं जहां वह बच्चों को दसवीं तक की शिक्षा दे रहे हैं। फिलहाल आठवीं तक उनका स्कूल रिकॉग्नाइज्ड है और वह दसवीं तक की रिकॉग्निशन की कोशिश में लगे हुए हैं। हरि नारायण पिछले दिनों के बारे में बताते हैं कि एक समय ऐसा था जब मैं खीरा में नमक लगाकर बेचा करता था, एक समय ऐसा भी था जब मुझे मैट्रिक की परीक्षा देनी थी लेकिन परीक्षा देने वाले दिन भी मैं गोभी और बैंगन बाजार ले जाकर बेचता था। उसके बाद सबसे पहले हमने उमेश नर्सरी के नाम से पौधा बेचना शुरू किया, धीरे धीरे एक दिन ऐसा आया जब यह नर्सरी दूर-दूर में बहुत मशहूर हो गई। फिर उन्होंने शौचालय बनवाने का काम भी शुरू किया।
हरि नारायण ने सोचा कि उनकी उम्र बढ़ती जा रही है, ऐसे में उन्हें कोई ऐसा काम शुरू करना चाहिए जिससे उन्हें भागना दौड़ना भी कम पड़े और समाज की सेवा भी हो सके।
यही सोच कर उन्होंने इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की स्थापना की और एक टाइम में ऐसा आया कि थोड़े समय में ही उनके स्कूल में 800 से अधिक बच्चे हो गए। आज कोविड की वजह से बहुत से बच्चों ने अपना नाम कटवा लिया लिया है इसके बावजूद स्कूल में 500 से अधिक बच्चे शिक्षा पा रहे हैं।
हरि नारायण कहते हैं मेरा अतीत बहुत कठिनाई में गुजरा है, मैंने बहुत मेहनत की है हम सभी भाइयों ने बहुत परेशानी झेली है उसके बाद हमने सोचा कि अब स्थिति को बेहतर किया जाए और कुछ ऐसा किया जाए कि खुद की हालत भी बेहतर हो और समाज के लिए भी कुछ कर सकें।
हरि नारायण की कोशिश है कि पैसे की कमी से कोई भी शिक्षा से वंचित ना रहे। उन्होंने बताया कि मेरी कोशिश होती है कि जिस गार्जियन के पास पैसों की दिक्कत है वह फीस अदा नहीं कर सकते ऐसे बच्चों को वह फीस में छूट भी देते हैं। कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनसे वह फीस नहीं लेते और उनको किताबें भी उपलब्ध कराते हैं।
यादव जी कहते हैं कि मुझे पैसों की लालच नहीं है अगर मुझे पैसे की लालच होती तो मैं दूसरा बहुत सारा बिजनेस कर सकता था और मेरे पास नर्सरी के अलावा फर्नीचर का भी बिजनेस है मगर स्कूल खोलने का मकसद मेरा यह है कि मैं यहां से बेहतर इंसान पैदा कर सकूं। वह कहते हैं कि मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब हमारे बच्चे डॉक्टर बनेंगे, इंजीनियर बनेंगे, अफसर बनेंगे और वह मेरे स्कूल का और देश का नाम रोशन करेंगे।
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए हरि नारायण यादव कहते हैं कि हम लोग जब स्कूल की फीस देते थे तो हम बहुत मुश्किल से पैसा जमा कर पाते थे, हमने बहुत कठिनाई के दिन देखे, अब मैं चाहता हूं समाज के सब लोग सुखी रहे और सुखी रहने के लिए शिक्षा प्राप्त करना सबसे जरूरी है। वह कहते हैं कि अशिक्षित आदमी भी अमीर हो सकता है लेकिन शिक्षा हासिल करने के बाद जो खुशी मिलती है वह दौलत हासिल करने के बाद नहीं मिलती।
बचपन के दिनों में बहुत परेशानी झेलने वाले हरि नारायण यादव जी लोगों से अपील करते हैं कि आप चाहे किसी भी धर्म के हों आप अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दिलाइए। वह कहते है, शिक्षा ही एक ऐसी चीज है जो इंसान को इंसान बनाती है हिंदू या मुसलमान नहीं बनाती। शिक्षा हासिल करने के बाद लोगों को यह समझ आती है कि क्या सही है और क्या गलत है। शिक्षा हासिल करने वाले लोग समाज के उत्थान में मददगार साबित हो सकते हैं।
हरिनारायण यादव ने स्कूल के लिए लगभग डेढ़ बीघा जमीन तैयार रख रखी है और उनकी कोशिश है कि आने वाले दिनों में वह इस स्कूल को बहुत ही अच्छी पोजीशन में ले जाएं और उन्हें उम्मीद है कि अगर लोगों का समर्थन मिलता रहा तो वह एक दिन जरूर एक शानदार स्कूल स्थापित करने में सफल हो जाएंगे।

भाजपा शासित एमसीडी ने काले कारनामों को छुपाने के लिए सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड करने पर लगाई रोक: AAP

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने काले कारनामों छुपाने के लिए साउथ और ईस्ट एमसीडी ने सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड करने या लाइव चलाने पर रोक लगा दी है। लोकसभा और दिल्ली विधानसभा तक अपनी कार्यवाही लाइव दिखाते हैं, लेकिन भाजपा शासित एमसीडी ने इस पर रोक लगा दी है। सौरभ भारद्वाज ने एमसीडी के फैसले को लोकतंत्र और पारदर्शिता के मूल नियमों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एमसीडी के इस फैसले की आलोचना करती है। भाजपा शासित एमसीडी अपने काले कारनामों को जनता से छुपाने के लिए ऐसे फैसले ले रही।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुझे यह जानकर काफी हैरानी हुई है कि कल साउथ एमसीडी ने एक तुग़लकी फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक की कार्यवाही को अब कोई भी पत्रकार रिकॉर्ड नहीं कर सकता है। कोई भी पत्रकार उसका लाइव वीडियो नहीं चला सकता है। 

ऋतिक रोशन ने पूरी एक्शन टीम को गिफ्ट किए जूते

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ऋतिक रोशन को गिफ्ट्स के साथ अपनी टीम के प्रयासों की सराहना करने के लिए जाना जाता है। इस बार ‘विक्रम वेधा’ के सेट पर, अभिनेता ने जूतों की खूबसूरत जोड़ी के साथ पूरी एक्शन टीम को सरप्राइज दिया है।टीम के स्टंटमैन ने अपने सुपर हीरो ऋतिक रोशन को परफ़ेक्ट गिफ्ट देने के लिए अपने सोशल मीडिया पर धन्यवाद कहा है।

यह पहली बार नहीं है जब ऋतिक रोशन ने उपहार दिए हैं, उन्होंने वॉर और सुपर 30 के सेट पर भी अद्भुत चीजें उपहार में दी थीं। अभिनेता कभी भी अपना भाव व्यक्त करने से कतराते नहीं है। साथ ही बीते दिन यह पता चला था कि विक्रम वेधा का पहला और सबसे क्रेजी एक्शन सीक्वेंस पूरा कर लिया गया है।अभिनेता की पाइपलाइन में ‘फाइटर’ और ‘विक्रम वेधा’ जैसे टाइटल्स शामिल हैं जिनकी रिलीज़ का सभी को बेसब्री से इंतजार है।

फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट ने रप्‍चर्ड ऑर्टिक साइनस का सफलतापूर्वक इलाज किया

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नई दिल्‍ली, डॉक्‍टरों ने फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट में 35 वर्षीय, पुरुष, श्री संजय रॉय का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है। मरीज़ एक बेहद दुर्लभ किस्‍म के हृदय विकार से पीड़ित था। उनके हृदय की प्रमुख धमनी ”ऑर्टा” में एक बड़े आकार का छेद हो गया था जो कि दरअसल, उनके लिवर की एक धमनी में डाले गए मैटल स्‍टेंट की वजह से हुआ था। यह मैटल स्‍टेंट लिवर की धमनी से होते हुए, धीरे-धीरे हृदय के दाहिनी भाग में पहुंच गया था और वहां इसने ऑर्टा में छेद कर दिया। इस मैटेलिक स्‍टेंट को उनकी इंफीरियर वेना कावा (शरीर के निचले भाग से रक्‍त प्राप्‍त करने वाली प्रमुख धमनी) में डाला गया था क्‍योंकि मरीज़ लिवर के एक विकार ‘Budd chiari’ सिंड्रोम का पता चला था। डॉ ऋत्विक राज भूयन, डायरेक्‍टर, कार्डियोथोरेसिक वास्‍क्‍युलर सर्जरी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट और डॉ विवुध प्रताप सिंह, कंसल्‍टैंट, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट के नेतृत्‍व में डॉक्‍टरों की टीम ने सर्जरी को अंजाम दिया।

अस्‍पताल में जब मरीज़ को लाया गया तो उनमें हार्ट फेल, लीवर में अत्‍यधिक खराबी और प्‍लेटलेट कमी जैसे कई गंभीर लक्षण दिखायी दे रहे थे। उनकी सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी क्‍योंकि मैटेलिक स्‍टेंट उनके हृदय की धमनी में काफी गहराई में पहुंच चुका था। उनके हृदय का दाहिना भाग एक बड़े आकार की फुटबॉल की तरह दिखने लगा था क्‍योंकि इस तरफ वाल्‍व फेल हो चुका था और काफी मात्रा में रक्‍त बहकर दाहिने हिस्‍से में पहुंच गया था। इस स्थिति को शंट कहते हैं जिसमें हृदय के एक चैंबर से दूसरे चैंबर में रक्‍त का असामान्‍य प्रवाह होने लगता था। इस सर्जरी में मुख्‍य चुनौती हार्ट रप्‍चर होने के जोखिम से जुड़ी थी और साथ ही, अनियंत्रित रक्‍तस्राव तथा सर्जरी के बाद लीवर फेल होने की आशंका भी थी। आमतौर पर ऐसे में सर्जरी के बाद मरीज़ के बचने की संभावना सिर्फ 30 फीसदी होती है। साथ ही, यह काफी दुर्लभ स्थिति है जिसके बारे में पाठ्यपुस्‍तकों या जर्नल आदि में स्‍पष्‍ट रूप से दिशा-निर्देश उपलब्‍ध हैं। मरीज़ को हृदय को एक उन्‍नत तकनीक की मदद से रोका गया और मेटैलिक स्‍टेंट को काटकर छोटा किया गया। ऑर्टिक रप्‍चर को बंद कर दिया गया और उनके दायीं ओर के हार्ट वाल्‍व की मरम्‍मत की गई। इस लंबी सर्जरी को 12 डॉक्‍टरों तथा पैरामेडिकल स्‍टाफ ने करीब 9 घंटे में पूरा किया गया।

डॉ ऋत्विक राज भूयन, डायरेक्‍टर, कार्डियोथोरेसिक वास्‍क्‍युलर सर्जरी, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हार्ट इंस्‍टीट्यूट ने कहा, ”श्री रॉय इससे पहले कई अस्‍पतालों में इलाज के लिए गए थे लेकिन हर जगह उन्‍हें मामले की जटिलता के चलते वापस कर दिया गया। इस मामले में हुआ यह था कि मरीज़ के लीवर में डाला गया मैटेलिक स्‍टेंट उनके हृदय में घुस गया था और उसने उनके हृदय की प्रमुख धमनी में छेद कर दिया था। यह किसी भी आईवीसी स्‍टेंट के लिए बेहद दुर्लभ है कि उसकी वजह से ऑर्टिक साइनस में छेद हो जाए। जब मरीज़ को अस्‍पताल में लाया गया तो वह असहजता, सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द की शिकायत से पीड़ित थे। हमने उनकी जांच की और पाया कि उनके हृदय के दाहिने चैंबर में छेद था। अस्‍पताल में मरीज़ का ऑपरेशन किया गया और 2 सप्‍ताह बाद, श्री रॉय को अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई। वह अब अपना सामान्‍य कामकाज शुरू कर चुके हैं। प्रकाशित चिकित्‍सा जर्नलों के अनुसार अब तक ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।” चूंकि मरीज़ के लीवर और हार्ट फंक्‍शन में खराबी थी, उन्‍हें कम से कम 3 माह के लिए कार्डियाक रीहेबिलिटेशन की जरूरत होगी और साथ ही, शराब, धूम्रपान से बचना होगा और कम मात्रा में पेय पदार्थ लेने होंगे।

ताइवान उत्पाद केंद्र का लक्ष्य 2023 तक भारत में 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बिक्री राजस्व प्राप्त करना है

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ताइवान एक्सटर्नल ट्रेड डेवलपमेंट काउंसिल (टीएआईटीआरए) ने अपने व्यापारिक संबंधों को समर्थन देने और भारत में अपनी बाजार उपस्थिति का विस्तार करने के उद्देश्य से भारत में ताइवान उत्पाद केंद्र (टीपीसी) का शुभारंभ किया। ताइवान उत्पाद केंद्र का लक्ष्य 2023 तक बिक्री में 25 मिलियन अमरीकी डालर जुटाना है और भारतीय बाजार में बिक्री चैनल रखने के लिए 15 कंपनियों की सहायता करने की उम्मीद है। टीपीसी के साथ वर्तमान व्यापार मात्रा 8 – 10 मिलियन अमरीकी डालर की सीमा में है और तात्कालिक उद्देश्य कम से कम 5 नई टीपीसी कंपनियों के लिए 1 मिलियन अमरीकी डालर की औसत बिक्री के साथ बाजार में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त करना है। भारतीय कंपनियों के साथ व्यापारिक संपर्क को सक्षम बनाने के अलावा, टीपीसी ने दिल्ली, चेन्नई और मुंबई में अपने केंद्रों में अपने अत्याधुनिक उत्पादों और प्रौद्योगिकी की पेशकश को भी बढ़ाया है। ये उत्पाद केंद्र प्रतिष्ठित ताइवान कंपनियों के उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित करते हैं और इस प्रकार उपभोक्ताओं के लिए एक ही छत के नीचे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में नवीनतम नवीन पेशकशों का अनुभव करने के लिए एक रणनीतिक अवसर है।टीपीसी चेन्नई में कई प्रसिद्ध ताइवानी कंपनियां हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में उत्पाद पोर्टफोलियो की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करती हैं। कुछ प्रमुख खिलाड़ियों में एकॉन ऑप्टिक्स कम्युनिकेशन इंक, एक अग्रणी निर्माता और फाइबर ऑप्टिकल कंपोनेंट्स उद्योग के लिए समाधान प्रदान करता है, गोल्डनक्रॉप्स कॉरपोरेशन खाद्य उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो खाद्य कच्चे माल के आयात और निर्यात व्यापार, खाद्य उत्पादन और भोजन के अपने मुख्य व्यवसायों के साथ है। ओईएम / ओडीएम। एक अन्य प्रमुख कंपनी लेबलमेन है जो ऑफ़सेट लेबल प्रिंटिंग मशीन, डिजिटल लेबल प्रिंटिंग मशीन और लेटरप्रेस लेबल प्रिंटिंग मशीन बनाती है। टीपीसी मुंबई केंद्र में एसवेल इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड जैसी प्रमुख ताइवान कंपनियां भी हैं जो इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स और 3 व्हीलर्स और मोटरसाइकिलों के लिए स्पीडोमीटर के डिजाइन और निर्माण में विशेषज्ञ हैं, एडवांस्ड कनेक्टेक (एसीओएन समूह की सहायक कंपनी) जो इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल के निर्माण में उपयुक्त समाधान प्रदान करती हैं। स्कूटर और मोटरसाइकिल के लिए चार्जर (प्लग और रिसेप्टकल) और केबल और स्थायी फेराइट मैग्नेट और एनडीएफईबी मैग्नेट के प्रमुख निर्माता मैगटेक मैग्नेटिक। टीपीसी दिल्ली की प्रमुख कंपनियों में बेस्टक सेल्फ-एडहेसिव इंक., लेबल और पेपर डोमेन में अच्छी तरह से स्थापित खिलाड़ी शामिल हैं। ए-टेक सिस्टम कंपनी लिमिटेड अपने मुख्य तंत्र के रूप में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, ऑप्टिकल, कंट्रोल और सिस्टम इंटीग्रेशन टेक्नोलॉजी की पेशकश करती है और LUFTQI, एयर प्यूरीफायर स्पेस में एक अग्रणी खिलाड़ी है। एक अन्य प्रमुख कंपनी है कमअप इंडस्ट्रीज इंक। वाइन्च के लिए अग्रणी निर्माता जिसमें एसी, ऑटोमोटिव, एटीवी/यूटीवी और औद्योगिक श्रेणियां शामिल हैं।ताइवान उत्पाद केंद्र के बारे में बोलते हुए, श्री वेलबर वांग, प्रबंधक, ताइपे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर – मुंबई ने कहा, “महामारी व्यापार के विकास के लिए एक प्रमुख बाधा थी और एक पूरे के रूप में उद्योग धीरे-धीरे व्यापार में वापस आ रहा है, नए सामान्य के बीच। व्यापार और वाणिज्य को पुनर्जीवित करने में द्विपक्षीय संबंध और मजबूत व्यापारिक संबंध बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भारत उन बाजारों में से एक है जो इन कठिन समय में लचीला रहा है और हम अपने समर्थन को जारी रखने और दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को विकसित करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करने की उम्मीद करते हैं। ताइवान एशिया में प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक है और पिछले एक दशक में, द्वीप राष्ट्र प्रौद्योगिकी और नवाचार का एक बिजलीघर बन गया है।

एशियन पेन्ट्स ने पेश किया भारतीय संस्कृति और हस्तशिल्प से प्रेरित रॉयल प्ले द्वारा ‘ताना बाना’ वाल टेक्सचर

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नई दिल्ली : त्योहार का मौसम हो और आपका घर बेनूर रहे, भला एशियन पेन्ट्स ऐसा कैसे देख सकता है! तभी तो इस बार त्योहारों के इस मौसम की शुरुआत एशियन पेन्ट्स रॉयल प्ले ने आकर्षक वाल टेक्सचर ‘ताना बाना’ से की है। भारतीय शिल्प और बुनावट की विरासत से प्रेरित ‘ताना बाना’ कला का एक ऐसा नमूना है जो विभिन्न किस्म की भावनाओं और यादों को उभारेगा। पुरखों के घरों की चारपाई से लेकर फल और फूल रखने की हमारी व्यापक और सीक की बनी टोकरी, दादी मां की अमूल्य इक्कत साड़ी से लेकर दुल्हन के कपड़ों से बंधेज दुपट्टा तक, ‘ताना-बाना’ ने हमारे जीवन और दीवारों को सजाने के लिए बहुमूल्य शिल्प नए सिरे से तैयार किए हैं।
‘ताना बाना’ का मतलब है किसी काम को करने के लिए किए जाने वाले आवश्यक प्रबंध, जैसे— कपड़ा बुनने के लिए निश्चित लंबाई और चौड़ाई के बल, यानी बुने हुए सूत। किसी रचना की मूल बनावट यहां सूत और अन्य मामले में तार या तत्व को भी ताना-बाना कहते हैं। सूत धागे में, धागा कपड़ा में और कपड़ा जीवनशैली में बदलता है।
तभी तो कुशल शिल्पकारों की पीढ़ियों से चले आ रहे शिल्प का सम्मान करने वाले इस कलेक्शन में आठ उत्कृष्ट वाल टेक्सचर हैं। वर्षों पुरानी परंपराओं से लेकर समकालीन घरों तक ‘ताना बाना’ के फिनिश खास हैं तथा भारत के सभी हिस्सों का प्रतिनिधत्व करते हैं। ये टेक्सचर आपको कई शेड के मेल में मिलते हैं और इनके मेटालिक तथा नॉन मेटालिक वर्जन भी हैं जो निश्चित रूप से आपके रहने की जगह को आधुनिक आउटलुक के साथ निजी छाप भी देंगे। इसकी वजह यह है कि प्रत्येक टेक्सचर एक मूल शिल्प से अपनी अवधारणा हासिल करता है जिसे किसी राज्य या शिल्पकारों के समूह ने लोकप्रिय बनाया था। मसलन, ‘चारपाई’ टेक्सचर में चारपाई जैसी क्रिस-क्रॉस बुनाई है जो उत्तर भारत में बड़ी आसानी से देखी जा सकती है। इसी तरह, ‘पाम वीव’ टेक्सचर ताड़ के पत्ते से प्रेरित है जो भारत के पश्चिमी तटीय राज्यों गोवा और केरल में मिलने वाले ताड़ के विशाल पत्तों से प्रेरित है। ‘बंधेज’ टेक्सचर नाम से ही लगता है कि यह पुरानी टाई-डाई (बांधकर रंगने की) शैली से प्रेरित है। कपड़ों को रंगने की यह शैली राजस्थान और गुजरात की है। इसी तरह ‘बास्केट’ (टोकरी) का टेक्सचर उत्तर पूर्व से हमारे पास आया है। उत्तर पूर्व में बांस और बेंत के हस्तशिल्प का खासा काम है। इसमें इन्हें बहुत ही बारीकी से मोड़कर फर्नीचर के साथ-साथ कलात्मक वस्तुएं भी बनाई जाती हैं। ‘मद्रास चेक्स’ टेक्सचर में कालातीत चारखाने वाली विनटेज बुनाई को संरक्षित किया गया है। यह देश के दक्षिणी राज्यों में खूब पसंद किया जाता है। धागे जैसा टेक्सचर और ‘इक्कत’ टेक्सचर की प्राकृतिक एसिमेट्री लूम का आभास उत्पन्न करती है। यह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उड़ीसा जैसे राज्यों से हमारे पास आया है। ‘पॉमपॉम’ टेक्सचर बेलौस आनंद का पर्याय है। यह उत्तर के ठंडे राज्यों लद्दाख, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से प्रेरित है। इससे सर्दी की शाम में फायरप्लेस के पास बैठने का सुकून मिलता है। सिल्क के कीड़ों की अनियंत्रित भावना की तरह ‘तसर’ टेक्सचर खुलकर लहराता है जो बड़ी दीवारों के लिए भव्यता और गहराई उत्पन्न करता है। यह तसर सिल्क जैसा लक्जीरियस और शानदार है जो मुख्य रूप से पूर्वी राज्यों बिहार और झारखंड में बनता है।
अपने किस्म के इस अनूठे कलेक्शन के बारे में एशियन पेन्ट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ अमित सिंगले कहते हैं, ‘एशियन पेन्टस में हमें ‘रॉयल प्ले ताना बाना’ साझा करते हुए खुशी हो रही है। यह सही अर्थों में वाल टेक्सचर का एक विशेष कलेक्शन है जो भारत के हृदय और आत्मा ‘शिल्पकारों और उनके शिल्प’ से प्रेरित है। इन शिल्पों का हमारी दीवारों में निर्बाध पारगमन न सिर्फ जुड़ाव की मजबूत भावना का विकास करेगा, बल्कि एक अनूठी सजावट का थीम भी तैयार करेगा- कुछ ऐसा जो देसी और समकालीन भी है। यह कलेक्शन भारतीय घरों में आसानी से फिट होगा और अच्छी यादें सामने लाएगा।’