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सीके बिरला हेल्थकेयर ने स्पिरिचुअल मेंटर ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी के साथ आयोजित किया विशेष सत्र

नई दिल्ली।सीके बिरला हॉस्टिल और बिरला फर्टीलिटी एण्ड आईवीएफ ने अपनी पंजाबी बाग युनिट में बीके सिस्टर शिवानी के साथ मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण पर विशेष सत्र का आयोजन किया। सत्र के दौरान मानसिक स्वास्थ्य एवं समग्र स्वास्थ्य के कनेक्शन पर चर्चा की गई, साथ ही स्वास्थ्य, उपचार एवं खुशहाली के लिए मस्तिष्क की क्षमता के उपयोग पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में 250+ लोगों ने हिस्सा लिया, जिन्हें समग्र स्वास्थ्य पर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में प्रति 10000 लोगों की आबादी पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 2443 वर्षों (disability-adjusted life years -DALYs) का नुकसान होता है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आर्थिक नुकसान का दायरा भी बहुत बड़ा है। यह भारत और दुनिया भर में सबसे तेज़ी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन चुका है। इसके अलावा जागरुकता की कमी, खुद-निदान करना और मानसिक बीमारियों से जुड़ी गलत अवधारणां के चलते चुनौतियां और भी बढ़ जाती हैं। कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। इन सब पहलुओं को देखते हुए दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देना ज़रूरी हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार महामारी के पहले साल में 25 फीसदी युवा अवसाद और चिंता से पीड़ित थे।
मानसिक स्वास्थ्य, एक व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होने से कई गंभीर बीमारियों जैसे दिल की बीमारियों, सांस की बीमारियों, नींद की बीमारियों से बचा जा सकता है। कैंसर और दिल की बीमारी से पीड़ित उन मरीज़ों में मृत्यु दर अधिक होती है जो मानसिक बीमारियों का शिकार होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का फर्टीलिटी से भी सीधा संबंध है। फर्टीलिटी की समस्याओं का उन लोगों पर मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक असर होता है, जो गर्भधारण के लिए कोशिश कर रहे होते हैं। यह भावनात्मक तनाव प्रजनन क्षमता पर और भी बुरा असर डालता है।
इस अवसर पर बीक सिस्टर शिवानी, ब्रह्मकुमारी में अध्यापक, भारत के आध्यात्मिक मुवमेन्ट ने कहा, ‘‘मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दीजिए, अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण रखिए, सकारात्मक विचार रखिए, रोज़ाना कम से कम आधा घण्टा प्रार्थना और मनन कीजिए। अच्छी नींद से भी मन और शरीर स्वस्थ रहता है। सकारत्मक सोच भी महत्वपूर्ण है, हमेशा यही विचार रखिए कि जो होगा अच्छा होगा।’ डॉ कर्नल (प्रोफेसर) पंकज तलवार, हैड, मेडिकल सर्विसेज़ बिरला फर्टीलिटी एण्ड आईवीएफ ने कहा, ‘‘दुनिया भर में बहुत से लोग फर्टीलिटी के लिए इलाज करवाते हैं, जब वे प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं कर पाते। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह समस्या मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद का कारण बन जाती है। इन लोगों को हम यही सलाह देंगे कि तनाव न लें।

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