वर्ल्ड हैप्पीनेस डे के अवसर पर आईटीसी फियामा मेंटल वैलबींग सर्वे की रिपोर्ट पेश

नई दिल्ली। भारत में मेंटल वैलबींग के बारे में जागरुकता बढ़ने के साथ इसको लेकर लोगों का दृष्टिकोण बदल रहा है और इससे जुड़ा कलंक दूर हो रहा है। फील गुड विद फियामा मेटल वैलबींग सर्वे 2023 में परिणामों ने खुलासा किया है कि सुकून और मन के प्रसन्नचित्त होने को लेकर जैन ज़ी का दृष्टिकोण बदल रहा है। नीलसनआईक्यू द्वारा कमीशन किए गए इस सर्वे में जैन ज़ी और मिलेनियल्स की अनेक मान्यताओं, व्यवहारों और तनाव के कारणों का अध्ययन करके तनाव दूर करने वाली चीजों की पहचान की गई, जो उनके मन को खुशी और शांति प्रदान करती हैं।


सामाजिक कार्यक्रमों और गतिविधियों में ‘मिसिंग आउट’ के डर के विपरीत, जैन ज़ी ‘फन ऑफ मिसिंग आउट’ यानि फोमो का एक नया दृष्टिकोण अपना रहा है। दृष्टिकोण में इस बदलाव से वो सीमाएं निर्धारित करने, अपनी वैलबींग को प्राथमिकता देने, और उन्हें जिससे भी खुशी और संतुष्टि मिलती है, उसमें शामिल होने में समर्थ बनाता हैं। इस सर्वे में सामने आया कि तनाव के विभिन्न कारणों और बढ़ती चिंता के बाद भी 51 प्रतिशत भारतीय, जो यह मानते हैं कि सोशल मीडिया का उन पर सकारात्मक असर होता है, वो इलाज के लिए ऑनलाईन काउंसलिंग की मदद लेते हैं। योगा, ध्यान और व्यायाम तनाव दूर करने के लिए 86 प्रतिशत भारतीयों की पसंद बनकर उभरा, जिससे मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि का महत्व प्रदर्शित होता है। 75 प्रतिशत भारतीय जैन ज़ी मन को शांत करने के लिए सीरीज़ या मन अच्छा करने वाली मूवी देखते हैं।
आईटीसी फियामा ने अपना पहला वर्चुअल क्लिनिक भी लॉन्च किया है। यह वर्चुअल क्लिनिक लाईसेंस्ड प्रोफेशनल्स द्वारा किफायती मैंटल थेरेपी प्रदान करने के लिए डिज़ाईन किया गया है। यह प्लेटफॉर्म लोगों को बेझिझक या फिर कलंक के डर के बिना एक मित्रवत वर्चुअल स्पेस की मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। माईंड्स फाउंडेशन ने इस वर्चुअल क्लिनिक में अत्यधिक योग्य थेरेपिस्ट की टीम उपलब्ध कराई है, जो व्यक्ति की सुविधा और गोपनीयता बनाए रखते हुए विशेषज्ञ परामर्श, थेरेपी और काउंसलिंग प्रदान करेंगे।’’
माईंड्स फाउंडेशन से किफायती शुल्क में प्रोफेशनली क्वालिफाईड थेरेपिस्ट का परामर्श प्राप्त करने के लिए यहाँ पंजीकरण कराएं।
*आईटीसी फील गुड विद फियामा मेटल वैलबींग सर्वे 2023 दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में 16 से 45 वर्ष के 800 पुरुषों और महिलाओं के बीच किया गया। यह सर्वे नीलसनआईक्यू द्वारा सितंबर 2023 में किया गया था।

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