नयी दिल्ली। मदर्स डे आ गया है, लोग आपस में मातृत्व की बात करने लगे हैं। लेकिन सिंगल मदर्स और उनके जीवन की मुश्किलों के बारे में बहुत कम सुनने को मिलता है। एक सिंगल मदर अपने परिवार की देखभाल के लिए माँ की भूमिका निभाती है, तो वहीं परिवार की आजीविका चलाने के लिए पिता का काम भी करती है, और समाज द्वारा स्थापित लैंगिक मान्यताओं को चुनौती देती है। वित्तीय कर्तव्य सिंगल पैरेंट्स के लिए सबसे मुश्किल काम बन जाते हैं। अवीवा इंडिया के हेड ऑफ मार्केटिंग, विनीत कपाही सिंगल मदर्स के लिए जीवन बीमा के महत्व के बारे में अपने दृष्टिकोण साझा कर रहे हैं। वो कहते हैं, ‘‘जिम्मेदारियां अपने कंधों पर उठाने वाली एक सिंगल मदर की प्राथमिकता में जीवन बीमा पॉलिसी होनी चाहिए। इससे वित्तीय बचत की योजना के लिए एक मजबूत आधार मिलता है, वहीं जोखिम को कम करने में मदद भी मिलती है, इस प्रकार पूरे परिवार को सुरक्षा कवच मिल जाता है। इसलिए, जब आपको यह सुकून होता है कि आपके जीवित न होने पर भी आपका परिवार वित्तीय रूप से सुरक्षित है, तब आपको मन की शांति मिलती है।’’
विनीत ने आगे बताया कि एक जीवन बीमा पॉलिसी के साथ सिंगल मदर्स अपने रिटायरमेंट का पूरा आनंद ले सकती हैं और अपने परिवार की वित्तीय स्थिति की फिक्र किए बिना अपने शौक पूरे कर सकती हैं। विनीत कपाही ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य की समस्याएं कोई भी नहीं चाहता है, लेकिन हर किसी को अप्रत्याशित चीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। बेस प्लान के जीवन बीमा कवरेज के अलावा, आप एड-ऑन और राईडर्स (उपलब्ध होने पर) ले सकते हैं, जिनमें स्वास्थ्य की गंभीर बीमारियां, जैसे कैंसर, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर आदि भी कवर होते हैं।’’
जीवन बीमा परिवार को वित्तीय मजबूती देने के लिए सिंगल मदर्स के लिए बहुत आवश्यक है। सुरक्षा के मामले में इससे ज्यादा सुकून की बात और कोई नहीं हो सकती कि आपने अपने प्रियजनों का वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर रखा है और उनके उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान सुनिश्चित कर दिए हैं। मदर्स डे के मौके पर, चलिए हम सभी दुनिया की उन परिश्रमी माताओं को सम्मानित करें, जिन्होंने दृढ़ता और साहस के साथ अपने बच्चों का स्वयं पालन-पोषण किया।