नई दिल्ली। विश्व स्तर की क्लिनिकल उत्कृष्टता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता मजबूत करते हुए सीके बिरला हॉस्पिटल ने तमिलनाडु के एक युवा मरीज का एंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जरी द्वारा सफल इलाज किया। यह मरीज 4 लेवल (एल2 से एस1) स्लिप डिस्क से पीड़ित था। यह 28 वर्षीय मरीज स्पाईन की गंभीर समस्या के कारण चलने-फिरने में असमर्थ था, और उसे ओपन स्पाईन सर्जरी का परामर्श दिया गया था, जिसमें उसके शरीर पर बड़े दाग लगते, खून चढ़ाना पड़ता, और ऑपरेशन के बाद उसकी लंबे समय तक देखभाल करनी पड़ती।
सीके बिरला हॉस्पिटल में डॉ. अश्वनी मैचंद, ऑर्थोपीडिक्स विभाग के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने उसकी जाँच करने के बाद उसे एंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जरी (ईएसएस) कराने का परामर्श दिया। ईएसएस एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें बहुत छोटा चीरा (1 ईंच से कम) लगाया जाता है और एंडोस्कोप के साथ एक छोटे ट्यूबुलर सिस्टम द्वारा सर्जरी करने वाले हिस्से को देखा जाता है। यद्यपि एंडोस्कोपिक सर्जिकल प्रक्रियाओं का इस्तेमाल आम तौर से शरीर के अन्य हिस्सों (जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाईनल) के इलाज के लिए किया जाता है, पर ऑप्टिक्स, टिश्यू को देखने, और स्पाईनल इमेजिंग में हुई प्रगति के कारण ईएसएस कई मरीजों के लिए इलाज का प्राथमिक विकल्प बन गई है।
सीके बिरला हैल्थकेयर के चीफ एग्ज़िक्यूटिव ऑफिसर, श्री अक्षत सेठ ने कहा, ‘‘हम अपने मरीजों को एंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जरी जैसे एडवांस्ड मेडिकल इनोवेशन और तकनीकों का इस्तेमाल कर विश्वस्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर बार की तरह यह सर्जरी भी उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की हमारी विरासत का प्रमाण है।’’
डॉ. अश्वनी मैचंद ने कहा, ‘‘यह एक मुश्किल सर्जरी थी क्योंकि स्लिप डिस्क 4 लेवल तक पहुँच चुकी थी, जो बहुत दुर्लभ होता है। हमने एंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जरी का परामर्श दिया क्योंकि यह मिनिमली इन्वेज़िव स्पाईन सर्जरी की सबसे उन्नत और आधुनिक विधि है, जो मरीज को पारंपरिक स्पाईन सर्जरी के मुकाबले कम दर्द में तेजी से स्वास्थ्यलाभ प्रदान करती है। ईएसएस द्वारा ऑपरेशन के बाद स्पाईन की सामान्य गतिशीलता की सीमा को बनाए रखने में भी मदद मिलती है। सर्जरी के बाद 6 घंटे में ही मरीज चलने-फिरने लगा, और ऑपरेशन के बाद उसकी उचित देखभाल करते हुए उसे सर्जरी के 48 घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।’’
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