नयी दिल्ली। नयी दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित सिनेमा हाल पी वी आर प्लाज़ा में ऑल्ट बालाजी और एम् एक्स प्लेयर पर आने वाले शो लॉक अप का ट्रेलर लांच किया गया। इस अवसर पर एकता कपूर और शो की होस्ट कंगना राणावत भी मौजूद थी। हमेशा अपने नए नए ब्यान को लेकर विवादों में रहने वाली कंगना के इस शो पर विवाद ज़रूर होगा। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कंगना और एकता दोनों ने इस शो के कंटेस्टेंट के बारे में साफ साफ़ कुछ नहीं बताया मगर इतना ज़रूर कहा कि यह शो अब तक का सबसे विवादित शो होगा। दर्शकों को भी इस बात का यक़ीन है कि एकता कपूर और कंगना का साथ ज़रूर कोई बड़ा धमाका करेगा।
मीडिया से बात करते हुए कंगना ने कहा कि मुझे ग़लत बातें पसंद नहीं हैं , उन्होंने कहा कि मैं जब अपने डैडी की नहीं सुनती तो भला इंडस्ट्री के बड़े डैडी की क्यों सुनूंगी। जान बूझ कर दूसरी फिल्मों को बदनाम करने के लिए विवादित बयान देने के सवाल पर कंगना ने कहा कि मुझे जो बुरा लगता है वह बोल देती हूँ।
दिल्ली में ‘लॉकअप’ शो का ट्रेलर लांच
ARTPARK ने इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटीज मे जेनिटर रोबोटिक्स चैलेंज लॉन्च किया
नयी दिल्ली। बेंगलुरु में गैरलाभकारी संगठन, एआई और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क (ARTPARK) ने भारत में रोबोटिक्स सेक्टर के विकास का इकोसिस्टम बनाने के स्पष्ट लक्ष्य के साथ रोबोटिक्स चैलेंज लॉन्च किया है। ARTPARK रोबोटिक्स चैलेंज पूरी तरह ARTPARK के मिशन के साथ मिलकर रोबोटिक्स इकोसिस्टम को समर्थन देता है, उसका पोषण करता है और निर्माण करता है। इस मिशन का उद्देश्य भारत को रोबोटिक्स के निर्माण और इससे जुड़ी तकनीक में ग्लोबल लीडर बनाना है।
सर्विस इंडस्ट्री लगातार बढ़ती हुई श्रम लागत से जूझ रही है। जिसमें बेहतर परफॉर्मेंस के मानकों के स्तर और कर्मचारियों में उत्साह की काफी कमी दिखाई देती है। इन सबके बावजूद मेहनती सर्विस प्रोवाइडर रोजाना मार्केट में अलग-अलग सर्विसेज के मानक की जांच करने और अपनी सर्विस को सर्वश्रेष्ठ साबित करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन चुनौतों का निपटारा अब रोजमर्रा के कामों को स्वचालित कर किया जा सकता है। इससे कर्मचारियों के जीवनस्तर में सुधार आता है। केवल ऑटोमेटेड टेक्नोलॉजी को तैनात कर इन सभी उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है।
इस रोबोटिक्स चैलेंज के तहत ARTPARK में अगले चरण के लिए 27 टीमों का चयन किया गया है। इसमें से चार टीमें, सरबेरेसस ग्रिफफाइंडोर्स, गीगा रोबोटिक्स और रोबो ज्योतिन्स पहले ही फाइनल राउंड में पहुंच गई हैं। इस चैलेंज में रोबोट्स को साफ-सफाई से संबंधित सभी कार्यों का प्रदर्शन करने की जरूरत पड़ेगी, जो मुख्य रूप से वॉशरूम या बाथरूम में किए जाते हैं। इस चैलेंज में रोबोट का काम केवल किसी भी तरह की गंदगी की सफाई का होगा। यह गंदगी जमीन पर भी हो सकती है, जिसके बाद सेनिटाइजिंग लिक्विड से वॉशबेसिन और वॉश बेसिन काउंटर की सफाई की जाएगी। इसमें मुख्य रूप से जो तकनीकी चुनौतियां सामने आएंगी। इसमें उचित सेंसर्स का इस्तेमाल कर स्वतंत्र या स्वायत्त रूप से वॉशरूम और उसके आसपास की जगहों का सटीक मैप बनाना शामिल है, इन चुनौतियों में रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म को डिजाइन करना और गंदगी किस दिशा में है, इसे खोजने की व्यवस्था करना, गंदगी उठाना, झाड़ू लगाने का काम करना और अनुमान और धारणा के आधार पर एलॉगरथिम बनाना भी शामिल है। इससे गंदगी वाले जगहों की पहचान करना, जगह का अनुमान लगाना और वॉशरूम में विभिन्न वस्तुओं को सही जगह पर रखना शामिल है।
संवेदनशील मुद्दों को उठाती है लघु फिल्में ‘पैटर्न’ और ‘द टर्बन’ की कहानी
मुंबई। पीवीआर डायरेक्टर कट में पिछले दिनों दो लघु फिल्मों को मीडिया के समक्ष पेश किया गया। दरअसल, इस खास शो का मकसद रेड कारपेट प्रीमियर में फिल्म दिखाकर मीडिया से इसके बारे में फीडबैक लेना था। इनमें से पहली फिल्म थी ‘पैटर्न’, जिसके निर्माता संदीप कपूर, जबकि निर्देशक सचिन करांडे हैं। ‘पैटर्न’ एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसे स्कूल में बच्चे तंग करते हैं, लेकिन वह अपनी हिम्मत, मेहनत और दिमाग से तंग करने वाले बच्चों को मजबूर कर देता है वे उसके साथ भी आम बच्चों की तरह व्यवहार।
वहीं, दूसरी फिल्म ‘द टर्बन’ 2020 में पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों पर आधारित है जब सीएए और एनआरसी का विरोध हिंसक हो गया था। संदीप कपूर द्वारा निर्मित और रवींद्र सिवाच द्वारा निर्देशित यह फिल्म उन्मादी भीड़ की नासमझ हिंसा की पड़ताल करती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक मासूम बच्चा किस तरह आतंकी दंगाइयों के भेंट चढ़ जाता है, लेकिन जब दंगाइयों को उसकी असलियत का पता चलता है तो वह भी भौंचक रह जाते हैं। कह सकते हैं कि ‘पैटर्न’ किशोर जीवन के अति संवेदनशील मुद्दे को छूता है। निर्माता संदीप कपूर और निर्देशक सचिन करांडे ने इस संवेदनशील विषय को बहुत ही जिम्मेदार तरीके से पेश किया है। दोनों ही फिल्मों में मुख्य भूमिका में कार्तिकेय गोयल ने अपनी उम्र से कहीं आगे बढ़कर बहुत ही सकारात्मक तरीके से अपने किरदारों को निभाया है। दोनों भूमिका में वह जमे हैं। पर्दे पर उन्हें देखकर यह पता ही नहीं चलता है कि यह उनकी पहली फिल्म है। ‘जुगाड़’, ‘अनारकली आरा वाली’ एवं ‘भोसले’ जैसी फिल्म बनाने वाले निर्माता संदीप कपूर ने बताया इन फिल्मों को हम थिएटर और ओटीजी प्लेटफार्म पर रिलीज करने की कोशिश में हैं, लेकिन इससे पहले हम इन फिल्मों को फेस्टिवल में भेजेंगे।
कैंसर के प्रति जागरूक करती है शुभेंदु राज घोष की फिल्म ‘बिफोर यू डाई’
मुंबई। बॉलीवुड में हमेशा से ही फिल्मों के जरिये सामाजिक जागरूकता फैलाने का काम किया जाता रहा है। फिर चाहे बात सचिन पिलगांवकर और रंजीता की सुपरहिट फिल्म ‘अंखियों के झरोखे से’ की हो, अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना की फिल्म ‘आनंद’ की बात की जाए, रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और ऐश्वर्या राय की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्क़िल’ हो, सुशांत सिंह राजपूत और संजना संघी की फिल्म ‘दिल बेचारा’ हो, इन फिल्मों ने कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब इसी सूची में डायरेक्टर शुभेंदु राज घोष भी शामिल हो गए हैं, जिनके द्वारा निर्देशित फिल्म ‘बिफोर यू डाई…’ कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तैयार है। यह फिल्म इसी साल ‘वर्ल्ड कैंसर डे’ के मौके पर 18 फरवरी को रिलीज होगी। दिल्ली के पीवीआर वसंत कुंज में इस फिल्म का रेड कारपेट प्रीमियर हुआ जिसमें प्रोड्यूसर एंड राइटर प्रदीप चोपड़ा, डायरेक्टर शुभेंदु राज घोष एवं पुनीत राज शर्मा शामिल हुए थे।
कई फिल्म फेस्टिवल में तारीफें बटोर चुकी इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे कैंसर का एक मरीज और उसका पूरा परिवार इस मुश्किल घड़ी का बेहतरीन ढंग से मुकाबला करता है और इसके जरिये एक अनूठी मिसाल पेश करता है। दरअसल, ‘बिफोर यू डाई’ एक रोमांस ड्रामा हिंदी फिल्म है, जिसका निर्देशन शुभेंदु राज घोष ने किया है। फिल्म में एक ऐसी लड़की की कहानी दिखाई गई है, जिसे कैंसर हो गया है और उसके पास जिंदगी जीने के लिए ज्यादा से ज्यादा छह महीने है। मौत करीब होने के बावजूद उसके ये छह महीने कैसे बीतते हैं, यही इस कहानी में दिखाया गया है। कह सकते हैं कि ‘बिफोर यू डाई’ आम बालीवुडिया फिल्मों से बिल्कुल अलग है।
‘बिफोर यू डाई’ की कहानी के केंद्र में एक लड़की है जिसकी भूमिका काव्य कश्यप ने निभाया है। वह कैंसर से पीड़ित है और उसे पता है कि एक निश्चित समय के बाद उसकी मौत होने वाली है। इसलिए वह बाकी जिंदगी बेहतर तरीके से जीना चाहती है और अपनी सारी इच्छाएं पूरी करने की ख्वाहिश रखती है। उनके पिता की भूमिका प्रदीप चोपड़ा निभा रहे हैं और वह भी अपनी बेटी की तमामा इच्छाएं पूरी करने में पूरी सहायता करते हैं। खास बात यह कि प्रदीप चोपड़ा की यह पहली फिल्म है, लेकिन एक कैंसी पीड़ित बेटी के बेबस पिता भी भूमिका में मानो उन्होंने जान डाल दी है। उन्होंने काबिले तारीफ काम किया है। शाट—दर—शाट उनकी भूमिका में निखार आता है। फिल्म में दिल्ली के पुनीत राज शर्मा ने लीड भूमिका निभाई। उनकी भी यह पहली फिल्म है, इसलिए थोड़े से कच्चे नजर आते हैं, लेकिन चूंकि उन्होंने थिएटर में किया है, इसलिए काफी हद तक किरदार को खींच ले जाते हैं। अभी आगे बढ़ने के लिए उन्हें काफी मेहनत करने की जरूरत है। सबसे अहम किरदार है कैंसर पीड़ित चुलबुली लड़की की, जिसे पर्दे पर काव्या कश्यप ने साकार किया है। उन्होंने अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है। खासकर, धीरे-धीरे जब वह अपनी मौत की ओर बढ़ती हैं, तो दर्शकों की सहानुभूति स्वत: उसके साथ जुड़ती चली जाती है।
निर्देशक शुभेंदु राज घोष की यह दूसरी फिल्म है। फिल्म वाकई बहु ही अच्छी बनी है। फिल्म का विषय भी बहुत अच्छा है। कमी है तो बस यही कि इसकी रफ्तार थोड़ी सुस्त है।
अगर गोवा में एक ईमानदार सरकार चाहते हैं तो आम आदमी पार्टी को वोट करें: अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली/गोवा। ‘आप’ संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज गोवा के निवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप अगर एक ईमानदार सरकार व विकास चाहते हैं और भाजपा को हराना चाहते हैं, तो सभी लोग एकजुट होकर आम आदमी पार्टी को वोट करें और अपना वोट बंटने न दें। कांग्रेस, एमजीपी और जीएसपी को वोट देने से कोई फायदा नहीं है। चुनाव जीतने के बाद ये लोग भाजपा में चले जाते हैं। ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गोवा में टूटी सड़कों, बिजली-पानी की समस्या, बेरोजगारी और बदहाल स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाओं के लिए भाजपा और कांग्रेस जिम्मेदार हैं। इन्हें पांच साल और दे देंगे, तो भी कुछ नहीं बदलेगा और ये लोग केवल गोवा को लूटेंगे। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अच्छा काम करके दिखाया है। आज दिल्ली के लोग कांग्रेस और भाजपा को नकारते हुए बार-बार ‘आप’ को चुन रहे हैं। एक मौका हमें देकर देखिए, हम दिल्ली की तरह गोवा भी में अच्छा काम करेंगे और आप भाजपा और कांग्रेस को भूल जाएंगे।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज गोवा में एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री जी गोवा आए, तो उनके लिए 24 घंटे में हैलीपैड बन गया। यह अच्छी बात है, बनना चाहिए। हम इसके विरोध में नहीं हैं, लेकिन वहीं बगल में जनता का एक बस स्टैंड है, जो पिछले 20 सालों में भी नहीं बन पाया। हम गोवा के लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अगर सरकारी की नीयत अच्छी हो, तो काम तो हो सकता है। लोग मुझसे पूछते हैं कि कैसे काम होगा? काम तो मौजूदा गोवा सरकार भी कर सकती है, लेकिन गोवा सरकार की प्राथमिकता यह है कि वो वीआईपी लोगों के लिए केवल काम करती है। हम आज गोवा के लोगों को यह यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमारे लिए गोवा के लोग वीआईपी हैं। जितनी गति से प्रधानमंत्री जी का हैलीपैड बना, उतनी गति से आपकी सड़कें भी बनेंगी, आपका बस स्टैंड भी बनेगा और उतनी की गति से रविंद्रो भवन भी बनेगा। सारे काम होंगे।
‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गोवा के लोगों से अपील करते हुए कहा कि चुनाव के अब केवल दो दिन रह गए हैं। दो दिन बाद चुनाव है। मैं समझता हूं कि यह चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है। यह चुनाव गोवा का भविष्य बदल सकता है, वर्तमान बदल सकता है। गोवा के लोगों से अपील है कि आपने 27 साल कांग्रेस को दिए और 15 भाजपा को दिए। इन पार्टियों ने मिलकर गोवा के लिए कुछ नहीं किया। उल्टा इन दोनों पार्टियों ने मिलकर गोवा को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन्होंने आपका कोई काम नहीं किया। आज गोवा में सड़कें टूटी हुई हैं, गोवा में पानी की समस्या है, बिजली की समस्या है, बच्चे बेरोजगार हैं, स्वास्थ्य व शिक्षा की सेवाएं ध्वस्त हो गई हैं। आज गोवा की जो हालत है, इसके लिए यह पार्टियां जिम्मेदार हैं। इन पार्टियों को अगर आप और पांच साल दे देंगे, तो यह ऐसे ही चलता रहेगा। गोवा में कुछ सुधरने वाला नहीं है। ये अगले पांच साल भी कुछ नहीं करने वाले हैं। ये केवल गोवा को लूटेंगे और लूटने के लिए ही आ रहे हैं।
‘चका चक’ में पहनी गयी साड़ी और ओम नैकलैस को यादगार के रूप में अपने पास रख लिया सारा अली खान ने
मुंबई। सारा अली खान एक युवा प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं जिन्होंने अपनी शानदार परफॉर्मेंस से खुद को साबित कर दिखाया है। उन्होंने अपने करैक्टर को इस तरह से चित्रित किया है जो स्क्रीन पर रियल और लाइव नज़र आ रहा है। दर्शकों ने ‘अतरंगी रे’ में उनका शानदार अभिनय देखा है और अभिनेत्री को फिल्म से इतना लगाव हो गया है कि उन्होंने ‘चका चक’ में पहनी गयी साड़ी और ओम नैकलैस को याद के रूप में अपने पास रख लिया है। एक सूत्र ने खुलासा किया है कि “सारा करैक्टर और फिल्म से इतनी जुड़ी हुई हैं कि उन्होंने हरे रंग की ‘चका चक’ साड़ी और ओम नैकलैस को अपने पास रख लिया है, जिसे उन्होंने प्रसिद्ध ‘चका चक’ गाने में पहना था। वह उन सभी चीजों से भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई है और जब भी वह उन्हें देखती है तो उनकी आंखें नम हो जाती हैं। जब भी वह इन एलिमेंट्स को देखती हैं, तो वह ‘अतरंगी रे’ के सेट की यादों गुम हो जाती है जो उन्हें शूटिंग के दौरान सीखे गए लेसन, अपने सह-अभिनेताओं और निर्देशक आनंद एल राय के साथ बिताए गए समय के बारे में याद दिलाते हैं।”
2021 की रिलीज़, रोमांटिक फैंटेसी ड्रामा ‘अतरंगी रे’ सारा अली खान के उल्लेखनीय प्रदर्शन में से एक थी जिसे दर्शकों ने देखा है। उन्होंने रिंकू और मंजरी सूर्यवंशी की दोहरी भूमिका निभाई है और निस्संदेह उन्होंने अपने अद्भुत अभिनय कौशल के साथ करैक्टर को उभारा है। यह अभिनेत्री के इमोशनल साइड और उनकी भूमिका के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। यह फिल्म एक्ट्रेस के लिए टर्निंग प्वाइंट रही है। अक्षय कुमार और धनुष जैसे प्रमुख अभिनेताओं के साथ उनकी शानदार परफॉर्मेंस को देखने के बाद, दर्शकों ने उन्हें एक अलग नज़रिए से देखना शुरू कर दिया है। उनकी आगामी परियोजनाओं के बारे में बात करे तो, सारा अली खान जल्द लक्ष्मण उटेकर की अनटाइटल्ड फिल्म में दिखाई देंगी, जहाँ दर्शक उन्हें एक अन्य अलग भूमिका में देखेंगे। उनकी किट्टी में पवन कृपलानी की ‘गैसलाइट’ भी है।
एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम प्लेटफॉर्म लॉन्च
नई दिल्ली। भारत के प्रमुख कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर, भारती एयरटेल (“एयरटेल”) ने आज अपने डिजिटल मनोरंजन प्लेटफॉर्म – एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम प्लेटफॉर्म के लॉन्च के साथ भारत में वीडियो ओटीटी इकोसिस्टम को उपभोक्ताओं के लिए और अधिक विकल्प देकर, उसे लोकतांत्रिक बनाने और विकसित करने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। मीडिया पार्टनर्स एशिया के अनुसार, 2025 तक, भारत का ओटीटी सब्सक्रिप्शन बाजार मौजूदा $500 मिलियन से बढ़कर $2 बिलियन हो जाने की उम्मीद है। यह वृद्धि सब्सक्रिप्शन में लगभग 165 मिलियन के साथ तीन गुना होगी। इन नए सब्सक्रिप्शन का एक बड़ा हिस्सा टियर 2/3 बाजारों के नए उपयोगकर्ताओं से आएगा। कई उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट हाउस ने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए अपने ओटीटी ऐप लॉन्च किए हैं, लेकिन वे मूल्य निर्धारण और वितरण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
वर्तमान में ग्राहकों के लिए, चुनने के लिए दर्जनों ओटीटी मनोरंजन ऐप विकल्प उपलब्ध हैं; जो उन्हें लेटेस्ट कंटेंट ऑफर कर रहे हैं। हालांकि इसके चलते ग्राहकों को एक साथ कई ऐप्स और सब्सक्रिप्शन मैनेज करने पड़ते हैं।
एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम का लॉन्च, भारत के डिजिटली जुड़े ग्राहकों की बढ़ती तादाद के लिए वीडियो स्ट्रीमिंग मनोरंजन की रोमांचक दुनिया में नए द्वार खोलता है, इसके नवीनतम लॉन्च के साथ ग्राहक जो मांग करते हैं, वह उसकी पूर्ति करता है। सर्वप्रथम, यह एक ही ऐप 15 भारतीय और वैश्विक वीडियो ओटीटी मनोरंजन सामग्री एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है। एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम पर ग्राहकों को सोनी लिव, इरोज नाउ, लायंसगेट प्ले, होइचोई, मनोरमामैक्स, शेमारू, अल्ट्रा, हंगामाप्ले, एपीकॉन, डॉक्यूबे, डिवोटीवी, क्लिक, नामाफ्लिक्स, डॉलीवुड, शॉर्ट्स टीवी से 10,500 से अधिक फिल्मों और शो के साथ-साथ लाइव चैनलों के साथ बड़े मनोरंजन कंटेंट कलेक्शन तक पहुंच प्राप्त होगी।
दूसरे, यह प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए सिंगल ऐप, सिंगल मेम्बरशिप, सिंगल साइन-इन, एकीकृत कंटेन्ट सर्च खोज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित अपनी व्यक्तिगत पसंद के कंटेंट को एक समूह में एक जगह एकत्र करने के साथ एक शानदार अनुभव प्रदान करता है। उपयोगकर्ता ऐप या वेब के माध्यम से मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप पर एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम और एक्सस्ट्रीम सेट-टॉप-बॉक्स के माध्यम से टीवी पर का उपयोग कर सकते हैंi यह सभी सामग्री एयरटेल ग्राहकों के लिए केवल ₹149* प्रति माह की आकर्षक कीमत पर उपलब्ध है।
कंटेंट डेवलपर्स के लिए, यह एयरटेल के वृहद पहुंच और डिजिटल वितरण क्षमताओं के साथ उभरते बाजार में अपनी वितरण क्षमता का निर्माण करने का अवसर प्रदान करता है। लॉन्च के अवसर पर बात करते हुए आदर्श नायर, सीईओ – एयरटेल डिजिटल ने कहा: “एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम सामग्री की खोज, इसे वहन करने के सामर्थ्य और वितरण की प्रमुख चुनौतियों को हल करके भारत में ओटीटी सामग्री को लोकतांत्रिक बनाने के लिए एक गेम चेंजिंग इनोवेशन है। एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में, यह ग्राहकों और ओटीटी कंटेंट प्रोवाइडर्स के लिए समान रूप से एक लाभ का अवसर प्रदान करता है। हम भारत में डिजिटल मनोरंजन को मुख्यधारा बनाने के लिए एक रोमांचक यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। ”
एयरटेल इस अपनी इस धमाकेदार पेशकश के जरिये 20 मिलियन सब्सक्रिप्शन को लक्षित कर रहा है और एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम को भारत में डिजिटल मनोरंजन की मंजिल बनाने के लिए कई अन्य ओटीटी प्लेयर्स के साथ सहयोग कर रहा है। इस अवसर पर मनीष अग्रवाल, हेड- ग्रोथ एंड मोनेटाइजेशन, सोनी लिव, ने कहा: “हम भारत के वीडियो ओटीटी इकोसिस्टम को गति प्रदान करने के लिए एयरटेल एक्सस्ट्रीम के साथ जुड़कर रोमांचित हैं। एयरटेल एक्सस्ट्रीम के साथ हमारी साझेदारी सभी प्रमुख भाषाओं में ओरिजिनल सीरीज, मूवीज, स्पोर्ट्स, सोनी इंडिया और हॉलीवुड नेटवर्क से प्रीमियम कंटेंट लेकर आएगी और 340 मिलियन से अधिक एयरटेल ग्राहकों के लिए शीर्ष शोज प्रस्तुत करेगी। सोनीलिव की समृद्ध कंटेंट लाइब्रेरी, एयरटेल एक्सस्ट्रीम की गहरी वितरण पहुंच और बड़े पैमाने की क्षमताएं साथ मिलकर इसे दोनों पक्षों के लिए एक आदर्श साझेदारी बनाती है। हम एक लंबे और सफल सहयोग की आशा करते हैं।”
एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका में 26 हफ्ते के बच्चे की हुई सफल डिलीवरी
नई दिल्ली। एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल्स, द्वारका के डॉक्टरों ने 26 हफ्तों के बाद एक समयपूर्व प्रसव सफलतापूर्वक कराया, क्योंकि माँ सवाईकल अक्षमता से पीड़ित थी। इस विकृति में माँ कमजोर सर्वाईकल टिश्यूज़ के कारण पूरी अवधि तक गर्भ धारख करने में समर्थ नहीं होती है। माँ को गर्भ के 18 वें हफ्ते से ही गंभीर सर्वाईकल अक्षमता थी। माँ में संक्रमण के कारण 26 हफ्ते में प्रिएक्लैंपसिया, और झिल्ली समय से पहले फट गई। आम तौर से शिशु के लिए प्लेसेंटा से कम खून सप्लाई होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है।
शिशु में विकृतियां सबसे पहले 18वें हफ्ते में पाई गईं, और सर्वाईकल अक्षमता के कारण भिन्न-भिन्न अत्याधुनिक थेरेपीज़ की मदद से गर्भ को 26 हफ्ते तक पहुंचाया गया, जिसके बाद शिशु का जन्म करा दिया गया। डिलीवरी के वक्त शिशु के फेफड़े अविकसित थे, क्योंकि उन्हें माँ से पर्याप्त पोषण न मिल पाया था। शिशु का जन्म डॉ. विनय कुमार राय और उनकी टीम ने कराया। जन्म के वक्त उसका वजन 900 ग्राम था। बाद में उसका इलाज कर उसे विश्वस्तरीय उपचार दिया गया ताकि समस्याओं को टाला जा सके।
इसके बारे में डॉ. विनय कुमार राय, कंसल्टैंट – नियोनैटोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल, द्वारका ने कहा, ‘‘माँ को जिन जटिलताओं का सामना करना पड़ा, उस मामले में यह सबसे दुर्लभ स्थिति थी। हमारे सामने 18वें हफ्ते में प्रि-एक्लैंपसिया की चुनौती आई, जिसके कारण आम तौर पर गर्भपात हो जाया करता है। सर्वाईकल अक्षमता के कारण यह स्थिति और ज्यादा मुश्किल बन गई। टीम द्वारा किए गए सघन प्रयासों के बाद भी शिशु के फेफड़े अविकसित थे, और उन्हें उचित रूप से वृद्धि शुरू करने में लगभग एक महीने का समय लगा। इस तरह के अन्य मामले भी हैं, लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात अंगों की, खासकर फेफड़ों की वृद्धि है। आम तौर से शिशु के फेफड़े उचित रूप से विकास करने में असमर्थ होते हैं।’’
केवल 26 हफ्तों में ही जन्मा बच्चा जीवित बचे रहना, चिकित्सा जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह उत्तर भारत में समयपूर्व जन्मे सबसे छोटे बच्चों में से एक है। यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें 26 हफ्तों के गर्भ में शिशु के बचने की संभावना केवल 20 से 30 प्रतिशत होती है। इन सभी मुश्किलों को पार करते हुए इस शिशु ने डिलीवरी के 2 महीने बाद अस्पताल से छुट्टी पा ली और उसका वजन बिना किसी जटिलता के 2 किलोग्राम से ज्यादा था।
साइंस—फिक्शन ‘मूनफॉल’ सिनेमाघरों में रिलीज़
मुंबई। गोरे रंग को सौंदर्य का आदर्शतम गुण माना जाता है, लेकिन सोचिए उस वक्त क्या होगा, जब वही गौर वर्ण मानव जाति के विनाश का कारण बन जाए? क्या होगा अगर चंद्रमा किसी दिन ठीक पृथ्वी के करीब आ जाए? ऐसी कई कल्पनाएं इंसानी दिमाग में करवट ले सकती हैं, लेकिन क्या यह सब वाकई संभव है! हालीवुड में इन कल्पनाओं पर अनगिनत फिल्में बनी हैं। लेकिन, ‘इंडिपेंडेंस डे’, ‘द डे आफ्टर टुमारो’, ‘1000 बीसी’ जैसी फिल्मों के कामयाब डायरेक्टर रोलैंड एमेरिच अपनी अगली साइंस-फिक्शन या यूं कहें कि साइंस-डिजास्टर फिल्म ‘मूनफॉल’ में कुछ अलग तरह की कल्पनाओं को दिखाने जा रहे हैं। ‘मूनफॉल’ 11 फरवरी को रिलीज होगी।
यह फिल्म एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री और नासा में काम करने वाले साइंटिस्ट (हाले बेरी) पर केंद्रित है। उसे अपने अंतरिक्ष यात्री साथी (जॉन ब्रैडली) के साथ मिलकर पृथ्वी को भारी आपदा से बचाना है। यह पृथ्वी के लिए आखिरी मौका है, क्योंकि चंद्रमा का ग्रह के साथ घातक टक्कर होने ही वाली है और वह अपने रास्ते में है। हाले बेरी को कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही। सर्वनाश निकट है। पूरी फिल्म इसी के इर्द—गिर्द है। फिल्म में काफी रोमांच है।
लेकिन,अहम सवाल यह है कि आखिर रोलैंड एमेरिच को ऐसी साइंस—फिक्शन साहसिक फिल्म बनाने के लिए किस विचार ने प्रेरित किया। इसकी वजअ यह है कि रोलैंड एमेरिच ने हमेशा क्लासिक ब्लॉकबस्टर फिल्में ही बनाई हैं जिन्होंने दर्शकों का नॉनस्टॉप मनोरंजन किया है। लेकिन, अपनी इस अगली फिल्म के साथ वह कई तरह की चीजों और कल्पनाओं को कुछ अलग ही स्तर पर ले जाते नजर आ रहे हैं। रोलैंड एमेरिच कहते हैं, ‘चंद्रमा जैसी कोई वस्तु पृथ्वी पर गिर जाए तो क्या होगा, यह दिलचस्प विचार ही मुझे ही मुझे इस फिल्म को बनाने के लिए प्रेरित और उत्साहित किया।’ लेकिन, उन्होंने इस विचार को किस तरह विस्तार दिया? पूछने पर वह कहती हैं, ‘मैं उन पात्रों को जीवंत बनाने की चुनौती के लिए बेहद रोमांचित थी, जो हमारे ग्रह को बचाने के लिए चंद्रमा के लिए मिशन की शुरुआत करते हैं। साथ ही उनका परिवार, जो पीछे रहकर अपने जीवित रहने के लिए संघर्ष करते हैं, क्योंकि चंद्रमा रूपी प्रलय पृथ्वी से टकराने के लिए तैयार है।’
हाले बेरी को इस भूमिका के लिए साइन करने के बारे में वह कहती हैं, ‘फिल्म की केंद्रीय भूमिका में एक महिला है जो एक पुरुष की दुनिया में संघर्ष करते हुए जीवित है। फाउलर बहुत इच्छाधारी है। मुझे इस तरह की महिलाओं और किरदारों से प्यार है, क्योंकि वह अपने काम में मजबूत हैं, लेकिन वह एक मां भी हैं। हाले से बेहतर कलाकार इस भूमिका के लिए कोई हो ही नहीं सकती थी।’
जॉन विक ने अपने चरित्र के बारे में एक छोटे से रहस्य का खुलासा करते हुए कहा, ‘यह हिस्सा शुरू में एक पुरुष अभिनेता के लिए था। लेकिन, रोलेंड को यह महसूस करने का श्रेय दिया जाना चाहिए कि यह एक महिला चरित्र भी हो सकता है और फिल्म में इसका प्रभाव भी अलग से दिख रहा है।’
इंसिडियस और कॉन्ज्यूरिंग जैसी डरावनी फ्रेंचाइजी का चेहरा, अभिनेता पैट्रिक विल्सन भी अब एक और लोकप्रिय शैली में गोता लगाने की उम्मीद कर रहे हैं। पैट्रिक कहते हैं, ‘यह पसंदीदा निर्देशक के साथ फिर से काम करने का अनूठा मौका था, क्योंकि यह एक ऐसी शैली की फिल्म है, जिसमें पहले शायद ही मैं कभी हिस्सा रहा। इसी खासियत ने मुझे इस फिल्म के लिए आकर्षित किया। दरअसल, ‘मूनफॉल’ एक महान अवधारणा है। मुझे साइंस-फिक्शन पसंद है और मुझे ऐसी फिल्म में काम करने का मौका मिला, मेरे लिए यह एक बड़ा बोनस है।’
‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ में सैमवेल टैली की भूमिका निभाकर रोतोंरात सुर्खियां बटोरने वाले ब्रिटिश स्टार जॉन ब्रैडली भी अपनी आगामी फिल्म में काम करके खुश हैं। जॉन को इस फिल्म में काम करने के लिए जिस चीज ने आकर्षित किया, वह उनके चरित्र की विशिष्टता थी। उनका कहना है कि ‘हाउसमैन’ मेरे द्वारा निभाए गए सबसे मज़ेदार पात्रों में से एक साबित होगा, यह मेरा दावा है।’
पीवीआर पिक्चर्स और एमवीपी एंटरटेनमेंट की संयुक्त फिल्म ‘मूनफॉल’ रोलांड एमेरिच द्वारा निर्देशित है, जिसमें हाले बेरी, पैट्रिक विल्सन, जॉन ब्रैडली, चार्ली प्लमर, माइकल पेना और डोनाल्ड सदरलैंड जैसे कलाकार शामिल हैं। फिल्म आज यानि 11 फरवरी, 2022 को रिलीज़ हो गयी।
असदुद्दीन ओवैसी राष्ट्रभक्त नहीं पर हैं देशभक्त: सुब्रमण्यम स्वामी
नयी दिल्ली। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने असदुद्दीन ओवैसी पर मेरठ में हुए हमले को लेकर बयान दिया है। शनिवार सुबह एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “केवल तर्कहीन कट्टरपंथी ही ओवैसी सांसद की हत्या करना चाहेंगे। ओवैसी राष्ट्रवादी न होते हुए भी देशभक्त हैं। अंतर यह है कि ओवैसी हमारे देश की रक्षा करेंगे लेकिन वह यह नहीं मानते हैं कि हिंदू मुस्लिम डीएनए एक ही है। हमें उनके मुखर तर्कों को पूरा करना चाहिए न कि बर्बरता से।” ज्ञात रहे कि सुब्रमण्यम स्वामी अपने विवादित बयान के लिए जाने जाते हैं। कभी कभी उनके ब्यान से उनकी पार्टी को ही नुकसान हो जाता है।