नई दिल्ली। भारत की सबसे भरोसेमंद प्राईवेट लाईफ इंश्योरेंस कंपनी, अवीवा लाईफ इंश्योरेंस ने अवीवा प्रोटेक्शन प्लस का लॉन्च करने की घोषणा की है। यह एक नॉन-लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग व्यक्तिगत लाईफ इंश्योरेंस सेविंग्स प्लान है। यह प्लान न केवल किसी अनपेक्षित घटना के मामले में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि पॉलिसी की अवधि पूरी होने तक जीवित रहने पर एश्योर्ड मैच्योरिटी राशि भी प्रदान करता है। इस प्लान में ग्राहकों को टर्म इंश्योरेंस का फायदा मिलता है और ‘टर्मसेज्यादा’ बेनेफिट्स भी मिलते हैं, जिनके तहत मैच्योरिटी तक जीवित रहने पर प्रीमियम का 125 प्रतिशत तक रिटर्न मिलता है।
अवीवा प्रोटेक्शन प्लस प्रीमियम पर रिटर्न के मैच्योरिटी बेनेफिट, बेहतर सुरक्षा, और सेविंग्स बूस्टर विकल्पों के साथ आकर्षक विशेषताएं प्रदान करता है; और परिवार को उच्च डेथ सम के साथ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, तो पॉलिसीधारक की दुखद मृत्यु के बाद देय होता है। इसके अलावा, यह प्लान सिंगल या नियमित प्रीमियम भुगतान की शर्त के साथ उपलब्ध है। साथ ही इसके द्वारा व्यक्ति को विभिन्न प्रीमियम भुगतान फ्रीक्वेंसी मोड का विकल्प भी मिलता है, और वह 80 साल तक लाईफ कवरेज, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष टैक्स बेनेफिट्स और उच्च सम एश्योर्ड पर रीबेट जैसे फायदे प्राप्त कर सकता है।
विनीत कपाही, हेड ऑफ मार्केटिंग ने कहा, ‘‘टर्म इंश्योरेंस लोगों के बीच सबसे पसंदीदा प्लान है क्योंकि यह किफायती होने के साथ लचीलापन भी प्रदान करता है। हमारे ग्राहकों को टर्म कवर एवं अन्य फायदे एक ही प्लान में प्रदान करने के लिए हमने अवीवा प्रोटेक्शन प्लस का लॉन्च किया। यह प्लान आपको अपने प्रोफाईल के अनुरूप सबसे उत्तम वित्तीय सुरक्षा चुनने का अवसर देता है। इसमें पॉलिसी की शुरुआत में बेसिक और एडिशनल डेथ सम एश्योर्ड तथा मैच्योरिटी सम एश्योर्ड के विभिन्न विकल्प चुनने को मिलते हैं।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘इस लॉन्च के साथ हम भेदभाव के खिलाफ खड़े होना चाहते थे क्योंकि यह उत्पाद महिलाओं, पुरुषों और ट्रांसजेंडर्स सभी को बीमा देता है। हमारे अभियान ष्रुज्मतउैर्मलंकंएष् के साथ हम अपेक्षाओं से ज्यादा बेनेफिट्स प्राप्त करने की ग्राहकों की इच्छा से जुड़ना और इस विश्वास को मजबूत करना चाहते हैं कि अवीवा प्रोटेक्शन प्लस के साथ वो अपने परिवार को अपनी गैरमौजूदगी में भी वित्तीय सुरक्षा दे सकते हैं, और मैच्योरिटी तक जीवित रहने पर उन्हें वित्तीय लाभ प्राप्त हो सकते हैं।’’
अवीवा इंडिया ने अवीवा प्रोटेक्शन प्लस लॉन्च किया
ब्रीद: इनटू द शैडोज सीजन 2 एक्टर नवीन कस्तूरिया ने की अभिषेक बच्चन की तारीफ
मुंबई। बहुप्रतीक्षित अमेज़न ओरिजिनल ब्रीद: इनटू द शैडोज़ सीज़न 2 की रिलीज़ से पहले, अभिनेता नवीन कस्तूरिया जिन्होंने सीजन 2 में विक्टर के रूप में सीरीज में एंट्री की हैं, ने हाल ही में साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर में अभिषेक बच्चन के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा किया है। नवीन ने खुलासा किया कि अभिषेक का ऑन और ऑफ स्क्रीन दोनों में एक अलग व्यक्तित्व है। उन्होंने कहा, “जब मैं अपने शूट के पहले दिन अभिषेक से मिला, तो मुझे एहसास हुआ कि वह ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन बिल्कुल अलग हैं। मैं इस बात को लेकर बहुत नर्वस था कि हम चीजों को कैसे करेंगे क्योंकि कैमरा के पीछे वह बेहद सिंपल है, वह मस्ती कर रहे हैं, चिल कर रहे हैं, लेकिन जब कैमरा ऑन होता है, तो वह एक अलग इंसान बन जाते हैं। ”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने अभिषेक को केवल जे और अविनाश के रूप में ऑन-स्क्रीन देखा था, लेकिन हम पहली बार एक साथ परफॉर्म कर रहे थे, इसलिए मैं दंग रह गया। लेकिन धीरे-धीरे मैंने उन्हें बेहतर तरीके से समझा, और मुझे पता चला कि एक अभिनेता के रूप में, उनके पास ऑन और ऑफ बटन है।” ऐसे में अपने अलग-अलग ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन व्यक्तित्वों के बारे में बताते हुए, अभिषेक बच्चन ने कहा, “शायद इसलिए क्योंकि कि मैं सीजन 1 में भी कैरेक्टर में रहा हूं, इसलिए अब दोनों किरदारों को निभाने में थोड़ा और आराम है। हालांकि मेरा मानना है कि काम को मस्ती भरे तरीके से करना चाहिए। काम इंटेंस है, इसलिए वातावरण हल्का होना चाहिए, नहीं तो यह सभी पर भारी पड़ेगा।” दर्शक इस सीजन में कई सवालों के जवाब मिलने का इंतजार कर रहे हैं और कई राज से भी पर्दा उठा रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़े सवालों में से एक यह है कि विक्टर जे और उसके अधूरे काम से कैसे और क्यों जुड़ा है।
ब्लेंडर्स प्राइड ग्लासवेयर फैशन टूर का 16वां संस्करण आयोजित
गुरुग्राम। ब्लेंडर्स प्राइड ग्लासवेयर फैशन टूर का 16वां संस्करण जो फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा समर्थित है, और 15 साल की अपनी प्रतिष्ठित विरासत को फिर से परिभाषित करता है। फैशन टूर का यह संस्करण फैशन और लाइफस्टाइल की अधिक टिकाऊ, समावेशी और विविध दुनिया के माध्यम से ‘प्राइड एंड ऑथेंटिसिटी’ के युवा, जीवंत और विकसित भावों को जीवंत करेगा।
क्यूरेटर-इन-चीफ के रूप में मशहूर डिजाइनर आशीष सोनी और फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के साथ निरंतर साझेदारी के साथ, फैशन टूर चार मेट्रो शहरों कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई और गुरुग्राम में यात्रा करने के लिए तैयार है। अपने अत्याधुनिक नए अवतार में, यह अग्रणी फैशन डिजाइनरों और विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों के बीच एक शानदार सहयोग पेश करेगा,
कोलकाता चैप्टर ‘प्राइड इन ब्रिंगिंग ट्विस्ट्स इन ट्रेडिशन’ के बारे में होगा जहां डिजाइनर शांतनु और निखिल अपने कलेक्शन में क्रिकेट की भावना को दिखाएंगे, जिसकी कल्पना भारत की महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ की गई है।
हैदराबाद चैप्टर ‘प्राइड इन सस्टेनेबल फैशन’ पेश करेगा जहां डिजाइनर अमित अग्रवाल भारत के 100 सबसे प्रभावशाली आर्किटेक्ट्स में से एक नूरु करीम, जो ग्रह को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, फैशन में आधुनिक टिकाऊ तकनीकों के मिश्रण का प्रदर्शन करेंगे।
मुंबई चैप्टर ‘प्राइड इन ब्रेकिंग नॉर्म्स ऑफ कन्वेंशनल फैशन’ को उजागर करेगा, जहां डिजाइनर फाल्गुनी शाणे पीकॉक भारत में क्लासिक करने वाली पहली और अकेली महिला ग्रैफिटी आर्टिस्ट डिजी के सहयोग से भारतीय स्ट्रीट-आर्ट कल्चर की बढ़ती लहर से प्रेरित एक बोल्ड स्ट्रीट-ल्यूक्स कलेक्शन पेश करेंगी।
गुरुग्राम चैप्टर ‘प्राइड इन सेलिब्रेटिंग डायवर्सिटी बाय डिफिइंग लेबल्स’ का प्रदर्शन करेगा, जहां डिजाइनर कुणाल रावल एक ऐसे कलेक्शन को पेश करेंगे जो आधुनिक भारतीय फैशन में विविधता और समावेशिता का जश्न मनाता है, जो नई पीढ़ी के सबसे ट्रेंडिंग संगीत कलाकार में से एक, हार्डी संधू के संगीत की गूंज से पूरित होगा।
कर्टन रेजर ने इन डिजाइनरों और कलाकारों को ‘द वायरफ्रेम’ नामक एक आश्चर्यजनक नई अवधारणा के माध्यम से अनावरण किया। यह एक ऐसा ढांचा है जो कल्पना और नाटक की भावना का आह्वान करता है, और इस बहुप्रतीक्षित फैशन कार्यक्रम के व्यापक दर्शन का प्रतीक है।
कर्टन रेजर ने ब्लेंडर्स प्राइड ग्लासवेयर ‘द शोकेस’ भी प्रस्तुत किया, जो महत्वाकांक्षी फैशन डिजाइनर्स, शटरबग्स, मॉडल्स और कंटेंट क्रिएटर्स को खोजने और उनको प्रोत्साहन देने वाले भारत के अग्रणी प्लेटफार्म्स में से एक है।
इसके बाद शाम को सेलेब्रिटी होस्ट कुबरा सैत के नेतृत्व में बॉलीवुड सेलिब्रिटी और फैशन आइकन शोभिता धूलिपाला; डिजाइनर आशीष सोनी; FDCI के अध्यक्ष सुनील सेठी; और कार्तिक मोहिंद्रा, पर्नोड रिकार्ड इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी; के बीच फैशन टूर के उभरते हुए चेहरे पर एक प्रेरक बातचीत हुई। फैशन और लाइफस्टाइल की दुनिया में इन शक्तिशाली आवाजों ने बताया कि कैसे फैशन टूर लाइफस्टाइल में उभरते रुझानों को पकड़ेगा, खेल, वास्तुकला, आर्ट और म्यूजिक के साथ फैशन के संगम से रोमांचक सहयोग के माध्यम से, फैशन और तकनीक के चौराहे पर फैशन टूर के रूप में अपनी तरह का पहला मेटावर्स अनुभव लॉन्च किया।
एक और अविश्वसनीय अनुभव जो फैशन टूर पेश करेगा, वह है ‘स्टाइल गैलरी’ जिसे ‘दिस इज नॉट ए टी-शर्ट’ कहा जाता है, जिसे आशीष सोनी और एफडीसीआई द्वारा तैयार किया गया है। यह 60 से अधिक डिजाइनरों और घरेलू फैशन लेबल द्वारा डिजाइन किए गए टी-शर्ट संगठनों का प्रदर्शन करेगा, जिन्होंने फैशन टूर के चार विषयों की अपनी प्रामाणिक व्याख्या का जश्न मनाते हुए मूल टी-शर्ट को एक डिजाइन में सजाया है या फिर से तैयार किया है। जबकि फिजिकल दौरे के दौरान रिसाइकल्ड सामग्री का उपयोग करके गैलरी का निर्माण स्थिरता के उपक्रमों के साथ किया जाएगा; वर्चुअल अवतार को मेटावर्स में एक अनोखे फैशन शो के साथ लॉन्च किया जाएगा।
फैशन टूर ‘ब्लेंडर्स प्राइड ग्लासवेयर फैशन टूर पार्क’ नामक इंडस्ट्री का पहला मेटावर्स प्लेटफॉर्म भी लॉन्च करेगा। यह युवा दर्शकों के लिए पहले की तरह फैशन टूर का अनुभव करने के लिए एक इमर्सिव दुनिया का निर्माण करेगा। डीसेंट्रलैंड में भारत का पहला फैशन टूर होगा, फैशन टूर पार्क में इंटरएक्टिव एरिया की सुविधा होगी, जैसे मेटावर्स में वर्चुअल फैशन शो, फैशन टूर के लिए आमंत्रण जीतने के लिए एक खजाने की खोज, और एक डिज़ाइनर ज़ोन जो फैशन टूर के 4 प्रतिभागी डिजाइनर्स द्वारा डिजाइन किए गए टी-शर्ट के एनएफटी व अन्य चीजों को प्रदर्शित करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए, पर्नोड रिकार्ड इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी, कार्तिक मोहिंद्रा ने कहा, “15 प्रतिष्ठित संस्करणों के बाद, इस साल हमने ब्लेंडर्स प्राइड ग्लासवेयर फैशन टूर की फिर से कल्पना की है। यह फैशन और लाइफस्टाइल के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, उद्योग की बदलती गतिशीलता को गले लगाता है और एक प्रभावशाली नया प्रारूप लाएगा जो अधिक समावेशी, विविध और युवा है। FDCI के साथ हमारी निरंतर साझेदारी, इस साल के फैशन टूर को एक ऐसा कार्यक्रम बनाने के लिए फिर से फैशन के दो पावरहाउस को एक साथ लाती है, जिसे देश ने पहले कभी नहीं देखा है। हम मेटावर्स में भी प्रवेश कर रहे हैं और युवा दर्शकों के लिए फैशन टूर का अनुभव करने के लिए एक फ्यूचरिस्टिक प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं। इसके साथ, हम फैशन टूर के 1वें संस्करण में रोमांचक नवाचारों के साथ आज के युवाओं के ‘प्राइड’ का जश्न मनाने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ना जारी रखते हैं।”
कम नहीं हुई है मिट्टी के दीयों की महत्ता
सौम्या ज्योत्सना, मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार
दीपावली की बात मिट्टी के दीयों की चर्चा के बगैर अधूरी है. इसके बिना दीपावली की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हज़ारों सालों से यह परंपरा चली आ रही है. इससे सबसे अधिक लाभ इसका कारोबार करने वालों को होता है. मिट्टी से दीया बनाने वाले कुम्हार समुदाय से लेकर इसे बेचने वाले कारोबारी तक इसी त्यौहार का इंतज़ार करते हैं. लेकिन बदलते समय और तकनीक के विकास ने इस कारोबार को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक लोग दीयों की अपेक्षा बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिकल दीयों को प्राथमिकता देने लगे हैं. हालांकि इसके बावजूद मिट्टी के दीयों की महत्ता पूरी तरह से समाप्त नहीं मानी जाती है.
यह तथ्य है कि मौलिकता सदा अपनी ओर खींचती है और इसी मौलिकता का प्रमाण है, दीये और मिट्टी से बनी कलात्मक वस्तुएं. इन मिट्टी की दीयों में हाथों की खुशबू है, मेहनत का रंग है और पंचतत्व का मिश्रण है. भले ही आज चाइनीज लाइटों का चलन बढ़ गया हो, लेकिन घर के आंतरिक कोने मिट्टी के दीयों के बिना अधूरे हैं. हालांकि कांसा, चांदी या पीतल का दीया भी चलन में रहता है लेकिन परंपराओं के अनुसार मिट्टी के दीयों का महत्व सदा बना हुआ है और हमेशा बना रहेगा. लेकिन इसे गढ़ने, आकार देने, उसके हर एक कोने को बारीकी से तराशने और चाक को करीने से घुमाने में एक कुम्हार अपनी पूरी जिंदगी लगा देता है. आजकल दीवाली के अवसर पर कुम्हारों की बस्ती भी एक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. दूर-दूर तक फैली मिट्टी और उस मिट्टी से गढ़ी कलात्मक सामग्रियों के प्रति लोगों का उत्साह भी नज़र आ रहा है. मगर कुम्हारों के लिए लोगों के उत्साह और प्रोत्साहन के साथ-साथ जीविकोपार्जन के लिए आर्थिक जरूरतें भी होती हैं, जो पहले की अपेक्षा पूरी नहीं हो पा रही हैं.
ग्रामीण व मिट्टी बर्तन के व्यवसायी शहवीर पंडित बिहार के मोतिहारी जिला स्थित एक ग्रामीण कस्बे से ताल्लुक रखते हैं. पहले और आज के दौर में मिट्टी के दीये और अन्य सामग्री के महत्व के सिलसिले वह बताते हैं कि पहले दीया ज्यादा मात्रा में बिकता था क्योंकि अधिकांश लोग केवल दीया ही जलाते थे मगर अब उसके स्थान पर रंगीन बत्ती वाली लाइट लोगों की पसंद बनती जा रही है, जिस वजह से दीयों की बिक्री प्रभावित हुई है. इसके अलावा बढ़ती महंगाई ने भी इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है. महंगाई के कारण लागत और श्रम मूल्य तो बढ़ गया, परंतु लोगों के खरीदने की क्षमता प्रभावित हुई है. रही सही कसर इलेक्ट्रिकल दीयों ने पूरी कर दी है.
शाही लीची के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध बिहार के मुजफ्फरपुर शहर स्थित ब्रह्मपुरा इलाके के रहने वाले मिट्टी के कारोबारी मोहम्मद इसराइल बताते हैं कि पहले की अपेक्षा अब मिट्टी और इससे जुड़ा व्यवसाय लगातार घाटे में चल रहा है. मिट्टी के एक ट्राली की कीमत 6 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है. इसकी तुलना में दीये और अन्य सामग्रियों के बिकने के बाद भी कई बार ट्राली की कीमत तक वसूल नहीं हो पाती है. साथ ही मौसम भी साथ नहीं दे रहा है. धूप की मौजूदगी में अचानक बारिश हो जाती है, जिस कारण बहुत परेशानी होती है. इससे आमदनी भी लगातार कम हुई है. असंगठित क्षेत्र का कारोबार होने के कारण सरकार के तरफ से भी कोई विशेष सहायता भी नहीं मिल पाती है. हालांकि राज्य सरकार की ओर से इस समुदाय के उत्थान के लिए और उनके कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान है, लेकिन समुदाय में जागरूकता की कमी और विभाग की उदासीनता के कारण कुम्हार समुदाय इसका कोई विशेष लाभ नहीं उठा पाता है. यही कारण है कि इस समुदाय के लोगों को दीपावली से ही उम्मीदें रहती हैं कि कुछ आमदनी होगी.
वास्तव में, भारत में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसमें कोरोना के बाद काफी व्यापक स्तर पर बदलाव हुआ है क्योंकि कई लोग जहां विस्थापित हो गए हैं वहीं कोई विशेष लाभ नहीं होने के कारण धीरे धीरे इस समुदाय की नई पीढ़ी इससे दूर होती जा रही है. पिछले दो दशकों में तेजी से आर्थिक विकास देखने के बावजूद भी भारत में 90% श्रमिक अनौपचारिक रूप से कार्यरत हैं, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग आधा उत्पादन करते हैं. Periodic Labor Force Survey (पीएलएफएस) के आंकड़ों के अनुसार देश के 75 प्रतिशत लोग असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और स्वयं अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं. लेकिन इस आमदनी में जीवन व्यतीत करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए सरकार की ओर से ई-श्रम पोर्टल को साल 2021 में ही लांच किया गया है, जिसमें बिहार राज्य पंजीयन संख्या में दूसरे स्थान पर है मगर अफसोस इस बात का है कि अधिकांश लोगों को इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है क्योंकि जिसके लिए दो वक्त की रोटी भी रोज कमा कर खानी पड़े, उसे डिजिटलाइजेशन के बारे में जानकारी का अभाव होना यथार्थ ही लगता है.
हालांकि दीयों की चमक किसी भी आर्टिफिशियल लाइट्स से कम नहीं होगी क्योंकि सालों से चली आ रही परंपराओं का अचानक अंत असंभव है. बच्चों के लिए मिट्टी से बने कुल्हिया-चुकिया से खेलना आज भी उत्साहवर्धक है तथा बचपन को जीवंत बनाए रखने के समान है. इसके अतिरिक्त बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में सामा-चकेवा भी मिट्टी के बर्तनों और दीयों की चमक के बिना अधूरा है. भले ही दीपावली के समय शहरी इलाकों में मिट्टी के दीयों की जगह इलेक्ट्रिक झालरों ने ले ली हो, लेकिन प्रतिदिन शाम में दरवाज़ों पर इसी मिट्टी के दीयों से दीपक जलाने की परंपरा शहरों में भी कायम है. जो इस बात का सबूत है कि विकास के दौर में भी भारतीय सभ्यता और परंपरा कायम है और यही ही परंपरा इस कारोबार से जुड़े लोगों के विश्वास को मज़बूत बनाता है. विकास के इस दौर में भी मिट्टी के दीयों का महत्व बरकरार है. (चरखा फीचर)
नए रियलमी केयर सर्विस सिस्टम के लॉन्च की घोषणा
नई दिल्ली। सबसे भरोसेमंद टेक्नोलॉजी ब्रांड, रियलमी ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक निर्बाध और सरल एंड-टू-एंड कस्टमर सपोर्ट के लिए रियलमी केयर सर्विस सिस्टम लॉन्च किया है। यह लॉन्च ब्रांड के विकास के दूसरे चरण में प्रवेश का प्रतीक है, जिसमें कस्टमर एक्सपीरियंस पर अपेक्षा से अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है। भारत में रियलमी के 70 मिलियन+ उपयोगकर्ता अब देश भर के 1000+ सर्विस सेंटरों के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों टच-प्वाइंट पर व्हाट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक आसानी से कस्टमर सर्विसेज का उपयोग कर सकते हैं।
रियलमी अपनी हाई-क्वालिटी सर्विस के साथ कस्टमर सर्विस एक्सपीरियंस और कस्टमर सैटिस्फैक्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। रियलमी के अपडेटेड सर्विस सिस्टम के रूप में, रियलमी केयर “कंज्यूमर-ओरिएंटेड” कॉन्सेप्ट को और ज्यादा हाईलाइट करता है।
इस घोषणा पर रियलमी इंडिया के सीईओ, रियलमी के वीपी, और रियलमी इंटरनेशनल बिजनेस ग्रुप के प्रेसिडेंट श्री माधव शेठ ने कहा, “रियलमी केयर हमारे ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवा देने और हमारे कस्टमर एक्सपीरियंस को और अच्छा बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस पहल के माध्यम से, हम ‘सर्विस क्वालिटी’ और ‘कंसिस्टेंसी, कन्वीनिएंस और केयर’ जैसे मूल्यों के साथ डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक सम्पूर्ण सर्विस को सुनिश्चित कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि रियलमी की सर्विस टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में कस्टमर एक्सपीरियंस बेंचमार्क बनेगी।”
रियलमी ने रियलमी केयर+ की भी घोषणा की है, जो मात्र 489 रुपये से शुरू होनेवाली एक किफायती कीमत पर उपलब्ध है। प्रिविलेज्ड प्लान उपभोक्ताओं को 1 साल की एक्सटेंडेड वारंटी, 1 साल की स्क्रीन प्रोटेक्शन और 1 साल की एक्सीडेंटल और लिक्विड प्रोटेक्शन सहित कई पैकेजों के माध्यम से कम्पलीट मोबाइल प्रोटेक्शन सर्विसेज का लाभ उठाने की सुविधा देता है। रियलमी केयर+ सब्सक्राइबर्स को रियलमी के भरोसेमंद एक्सपर्ट, बिना किसी परेशानी के क्लेम, असली डिवाइस पार्ट्स के साथ ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर तक का एक्सेस मिलेगा। रियलमी केयर+, realme.com और ऑफलाइन चैनलों सहित, मौजूदा और नए दोनों उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है। उपयोगकर्ता https://event.realme.com/in/realme-care-plus लिंक का उपयोग करके केयर+ प्लान खरीद सकते हैं।
डबल सेंटर, डबल लाइन, डबल गारंटी और डिजिटल कस्टमर सर्विस प्लेटफॉर्म के 4डी अपग्रेड द्वारा संचालित, उपयोगकर्ता अब और ज्यादा इंटेलीजेंट, सुविधाजनक, कुशल और पर्सनलाइज्ड सर्विस सिस्टम के साथ एक अच्छा एक्सपीरियंस पा सकते हैं।
डबल सेंटर, जो सर्विस सेंटर और टेक्निकल सपोर्ट सेण्टर को मिलकर बनाया गया है, अब और अच्छे प्रोफेशनल मेंटेनेंस में सहायता करेंगे
डबल लाइन्स एडवांस्ड ऑनलाइन और ऑफलाइन सर्विसेज हैं जो उपयोगकर्ता के एक्सपीरियंस को और अच्छा बनाती है। उपयोगकर्ता को अब सोशल मीडिया, ईमेल, वॉयस, व्हाट्सएप और वेब चैट पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक रियलमी कस्टमर केयर का एक्सेस मिलता है। वॉयस सर्विस अब तमिल, तेलुगु, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, हिंदी सहित 9 क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है।
डबल गारंटी रीयलमी केयर+ के लॉन्च के साथ यूजर सर्विसेज के स्टैंडर्डाइजेशन और पेर्सनलाइजेशन का वादा करती है।
डिजिटल कस्टमर सर्विस प्लैटफॉर्म इंटेलीजेंट और इंटीग्रेटेड कस्टमर सर्विस, सिस्टम एसएमएस नोटिफिकेशन और सर्विस प्रोसेस की लाइव ट्रैकिंग, और कई सेल्फ-सर्विस जैसे, स्पेयर पार्ट्स की कीमत, सॉफ्टवेयर अपग्रेड, नॉलेज बेस, पिक-अप सर्विस / टीवी ऑन-डोर सर्विस और वारंटी स्टेटस चेक के साथ सर्विस में सुधार करता है।
आफ्टर-सेल्स सर्विसेज के हिस्से के रूप में, भारत में रियलमी को 500+ सर्विस सेंटर्स के माध्यम से ऑपरेट किया जाता है, जिसमें स्मार्टफोन, एआईओटी प्रोडक्ट और लैपटॉप के लिए 47 विशेष सर्विस सेंटर्स के साथ-साथ टीवी सर्विसेज के लिए भारत के सभी डाक क्षेत्रों को कवर करने वाले 500+ ऑन-साइट सर्विस सेण्टर शामिल हैं। कंपनी पहले ही अपने ग्राहकों के बीच 90% कस्टमर सैटिस्फैक्शन का लक्ष्य हासिल कर चुकी है। इस वर्ष बिग बिलियन डेज़ के दौरान जबरदस्त सर्विस के लिए फ्लिपकार्ट द्वारा इसे लगातार दो सप्ताह तक “द परफॉर्मर ऑफ वीक” से सम्मानित किया गया है।
त्योहारों के मौसम में 85% उपभोक्ताओं की योजना पहले से ज्यादा खर्च करने की है
मुंबई। भारत के कुछ सबसे बड़े और सबसे जाने-माने ब्रांड को सशक्त बनाने वाले वाणिज्य के लिए आवश्यक इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने वाली कंपनी, शॉपिफाई ने अपना 2022 फेस्टिव शॉपिंग आउटलुक जारी किया है। शॉपिफाई ने महामारी के बाद के समय में हमेशा बदलने वाले उपभोक्ता व्यवहार और खर्च के पैटर्न की गतिशीलता को समझने के लिए मेट्रो और गैर-मेट्रो शहरों के 1,000 भारतीय उपभोक्ताओं का सर्वेक्षण किया।
प्रकाश पर्व दिवाली, भारत में सबसे अधिक मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक है, जो व्यवसायों को अपनी बिक्री बढ़ाने का सबसे उपयुक्त समय प्रदान करता है। शॉपिफाई के 2022 फेस्टिव शॉपिंग आउटलुक ने उपभोक्ताओं में एक उल्लेखनीय बदलाव की पहचान की है। इसके अनुसार दिवाली से पहले तक की खरीदारी की इच्छा सूची में कैशलेस भुगतान, ऑनलाइन शॉपिंग और फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आवश्यक वस्तुओं पर डील्स सबसे ऊपर है।
भारती बालाकृष्णन, कंट्री हेड और डायरेक्टर, शॉपिफाई इंडिया ने कहा, “डिजिटल बदलाव यहाँ है और यह भारतीय उपभोक्ताओं को खरीदारी की अगली पीढ़ी की ओर ले जा रहा है। 2022 की दिवाली के मौके पर देश भर में खरीदारी का एक यादगार आयोजन होगा क्योंकि उपभोक्ता पहले से कहीं अधिक खर्च करते हैं और ऑनलाइन खरीदारी की सुविधा का विकल्प चुनते हैं। ब्रांड्स के लिए, मार्केटप्लेस और अपनी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन हिस्सा लेना अब एक ही बात है क्योंकि उपभोक्ता पड़ोस के स्टोर तक जाने से पहले ऑनलाइन ब्राउज़िंग करने के लिए शिफ्ट हो जाते हैं। और, वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ अनिश्चितता के साथ, खरीदार इस बारे में अधिक सतर्क हैं कि वे कहां खर्च करते हैं, हालांकि, फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और आवश्यक वस्तुओं के मामले में डील्स और छूट तथा स्थानीय ब्रांड के समर्थन ने समग्र खर्च को बढ़ावा दिया है।”
फेस्टिव शॉपिंग आउटलुक ने दिवाली से पहले भारत के रिटेल सेक्टर को आकार देने वाले 10 ट्रेंड्स की भी पहचान की।
- उपभोक्ता त्योहार के खर्चों के लिए सीमा बढ़ा रहे हैं: बढ़ती खर्च क्षमता और महामारी के बाद अपनी जीवन शैली को बेहतर करने की एक नई आकांक्षा के साथ, भारतीय उपभोक्ता पिछले वर्षों की तुलना में अपनी उत्सव खरीदारी पर पहले के वर्षों की तुलना में अधिक खर्च करने की योजना बना रहे हैं। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 85.82% उपभोक्ताओं ने पिछले वर्षों की तुलना में अधिक खर्च करने की इच्छा जताई।
- ई-टेलर्स पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है: भारतीय रिटेल स्पेस में इस साल भी ऑफलाइन से ऑनलाइन शॉपिंग की ओर बढ़ता बदलाव देखा जा रहा है। 78.57% उपभोक्ताओं ने त्योहारी सीजन में महामारी से पहले की तुलना में अधिक ऑनलाइन खरीदारी करने की योजना बनाई है। उपभोक्ता की पसंद में बदलाव का श्रेय पार्टनर डिस्काउंट्स, एक्सक्लूसिव डील, आसान भुगतान विकल्पों और त्वरित डिलीवरी के साथ-साथ ऑनलाइन शॉपिंग द्वारा दी जाने वाली कहीं से भी खरीदारी की सुविधा को दिया जा सकता है। महानगरों में रहने वाले खरीदारों के अलावा, गैर-महानगरों के लोग भी त्योहारी खरीदारी को लेकर ई-टेलर्स पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।
- त्योहारों की बिक्री पर इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन राज करते हैं: त्योहारों पर दिए जाने वाले परंपरागत उपहार जैसे सूखे मेवे, मिठाई और चॉकलेट तो उपभोक्ताओं के पसंदीदा हैं ही, शॉपिफाई इंडिया के सर्वेक्षण में फैशन और एक्सेसरीज़ पर खर्च करने की योजना बनाने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके बाद उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स का नंबर आता है। 81.65% उपभोक्ता फैशन और एक्सेसरीज़ खरीदना पसंद करते हैं, इसके बाद 76.37% ड्राई फ्रूट्स, मिठाइयाँ और चॉकलेट खरीदते हैं, और 68.57% घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स पर खर्च करते हैं। यह बदलाव आधुनिक उपभोक्ताओं की आकांक्षाओं का संकेत है, जो त्योहारी सौदों को अपनी जीवन शैली को बेहतर बनाने के एक सही अवसर के रूप में देखते हैं।
- कैशलेस भुगतान न्यू नॉर्मल बन रहा है: सुरक्षित भुगतान गेटवे के जरिए कैशलेस भुगतान को भारत सरकार द्वारा प्रोत्साहित करने के साथ, डिजिटल भुगतान विधियां जैसे यूपीआई, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग भारतीय उपभोक्ताओं के सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरे हैं। कैशलेस भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, हाथोंहाथ नकद भुगतान धीरे-धीरे कम महत्वपूर्ण हो रहे हैं। यूपीआई सबसे पसंदीदा भुगतान पद्धति के रूप में उभरा है और 67.36% उपभोक्ता इसे चुनते हैं। इसके बाद क्रेडिट कार्ड 45.49%, नेट बैंकिंग 37.69% और रिवॉर्ड पॉइंट को पसंद करने वाले 38.68% हैं।
- स्थानीय व्यापारियों के लिए त्योहारी सीजन की खरीदारी बड़ा व्यवसाय: 96.04% उपभोक्ताओं ने इस त्योहारी सीजन में स्थानीय विक्रेताओं/ब्रांड से खरीदारी करने में रुचि दिखाई। यह उस भरोसे और पसंद के बिल्कुल विपरीत है जिसे भारतीय उपभोक्ता पारंपरिक रूप से विदेशी ब्रांडों और उनके उत्पादों के लिए रखते हैं। इस परिवर्तन का एक प्रमुख कारण उपभोक्ताओं के लिए “वोकल फॉर लोकल” होने का सरकार का आह्वान हो सकता है।
- उपभोक्ता की पसंद में आवश्यक वस्तुएं लक्जरी से आगे: वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव और महामारी से उत्पन्न अनिश्चितता के माहौल में, भारतीय उपभोक्ता इस साल खरीदारी के अपने बजट को बढ़ाने की योजना बनाने के बावजूद संभल कर खर्च कर रहे हैं।
जैकी भगनानी के जे जस्ट म्यूज़िक के खूबसूरत लव सांग ‘नैन रोंदे रहंदे’ का टीज़र हुआ आउट
मुंबई। जैसे ही जैकी भगनानी ने अपने बैनर जस्ट म्यूजिक के तहत एक प्रतिभाशाली कलाकार आहेन वातिश के आने वाले ‘नैन रोंदे रहंदे’ के पोस्टर से प्रदा उठाया है, इसने मार्किट में इसके बारे में एक नई चर्चा को हवा दे दिया है। बिना किसी देरी के, निर्माता अपनी आने वाली भावपूर्ण धुन ‘नैन रोंदे रहंदे’ के बारे में दर्शकों की प्रत्याशा को बढ़ाने के लिए गाने के टीज़र के साथ यहां हैं।
जैकी भगनानी के जस्ट म्यूज़िक से बहुत सारे अद्भुत संगीत हासिल करने के बाद, दर्शक उनकी एक और म्यूजिक के लिए उत्सुक हैं। अपनी निरंतर होड़ को जारी रखते हुए, जस्ट म्यूजिक ने कुछ दिनों पहले आहेन वातिश से अपने आगामी पंजाबी गीत ‘नैन रोंदे रहंदे’ की घोषणा की और अब वे इस भावपूर्ण राग के टीज़र के साथ आ गए हैं। जैसा कि टीज़र गाने के बारे में सब कुछ कहता है, यह भावपूर्ण पंजाबी सॉन्ग अपनी अद्भुत रचना के साथ हमारे दिलों पर कब्जा करने के लिए तैयार है और 18 अक्टूबर को रिलीज होने पर इस गाने को देखने के लिए उत्साह बढ़ा दिया है। इस बीच, जस्ट म्यूजिक ने बोल्ड और विचित्र रकुल प्रीत सिंह अभिनीत अपने पहले पैन इंडिया म्यूजिक वीडियो माशूका के लिए सुर्खियां बटोरीं। यह गीत एक बड़ी सफलता साबित हुआ और दर्शकों द्वारा इसे खूब सराहा गया।
आयुर्वेदिक इलाज से ठीक हुआ एंडोमेट्रिओसिस
डॉक्टर चंचल शर्मा
आज के समय में ज्यादातर महिलाएं इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान है। इसका कारण एंडोमेट्रिओसिस हो सकता जोकि गर्भधारण में बाधा डालता है। विश्व स्तर की बात करें तो लगभग 17.6 करोड़ महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं। और भारत में करीब 2 करोड़ महिलाएं एंडोमेट्रिओसिस से ग्रस्त हैं। यह समस्या हर दस में से चार महिला को होती है। जिसमें सबसे ज्यादा 16 से 45 साल की उम्र की महिलाएं शामिल होती है। इसका मुख्य कारण पेटदर्द और गर्भधारण न कर पाना है।
एंडोमेट्रियोसिस एक प्रजनन विकार है जो महिलाओं को प्रभावित करता है। इस स्थिति में गर्भाशय की दीवारों को लाइन करने वाले टिशू गर्भाशय के बाहर बढ़ते हैं। और फिर यही टिशू गांठ बन जाते हैं। कभी-कभी, यह असामान्य रूप से अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब जैसे अंगों का प्रभावित करता है। जोकि एक दर्दनाक स्थिति होती है। आमतौर पर, यह गांठ अपने आप समाप्त हो जाती है। यह 2 प्रकार का होते है- बाहरी और आंतरिक। गर्भाशय की मांसपेशियों की दीवार की बाहरी और आंतरिक दोनों हिस्से में पाया जाता है।
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण की बात करें तो पीरियड्स में हेवी ब्लीडिंग, दर्द और ऐंठन होना (Abdominal Pain), सेक्स के दौरान दर्द होना, पेशाब में जलन या दर्द होना, महावारी से पहले दर्द रहना, मल त्याग करने में असहज महसूस करना, थकान, दस्त और कब्ज की समस्या होना। इसका कोई सटीक कारण स्पष्ट रूप से तो नहीं बताया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर चंचल शर्मा के अनुसार, आर्तव (मासिक धर्म का रक्त) का निर्माण रस धातु (पाचन और मेटाबॉलिज्म के बाद बनने वाला पहला ऊतक) से होता है। जब अहार की आदतें दोषपूर्ण होती हैं जैसे बहुत तैलीय या अधिक सूखा भोजन, असंगत खाद्य पदार्थ जैसे दूध के साथ फल, अत्यधिक जंक फूड, मांसाहारी या डेयरी प्रधान भोजन करना, आदि मेटाबॉलिज्म में बाधा डालता है। जिसके कारण रस धातु में सूजन और एंडोटॉक्सिन का निर्माण होता है, जो आर्तव (Menstruation Blood) को भी दूषित करता है।
अन्य कारक की बात करें तो खराब जीवनशैली, कब्ज की समस्या, पेशाब और मल त्याग करने से रोकना, अत्यधिक तनाव, और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से विषाक्त पदार्थ बनने लगते है। जोकि बढ़ती एंडोमेट्रियम परत की वजह बनती है। और इससे प्रजनन अंगो पर असर पड़ने लगता है जो आगे चलकर ट्यूब और ओवरी को नुकसान पहुंच सकता है।
इसके इलाज की बात करें तो एलोपेथी के मुकाबले एंडोमेट्रियोसिस का नेचुरल ट्रीटमेंट बहुत प्रभावी होता है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी बूटियों और दवाओं का उपयोग करके एंडोमेट्रियोसिस का उपचार किया जाता है। इस पद्धति में मरीज का उपचार उसके स्थिति के आधार पर करते है। पंचकर्म थेरेपी भी एंडोमेट्रियोसिस की बीमारी को ठीक करने के लिए एक अच्छा विकल्प है। पंचकर्म पद्धति में उत्तर बस्ती थेरेपी में औषधियां, हर्ब, काढ़ा और बहुत सारे रसायनों द्वारा मेटाबॉलिज्म में सुधार, सूजन को कम करने और वात दोष को संतुलित कर एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से निजात दिलाता है। इसको करने में मात्रा 15 से 20 मिनट तक का समय लगता है। यह थेरेपी लगातार तीन दिनों तक या रोगी के आवश्यकता के अनुसार किया जाता है।
साथ ही आयुर्वेद आहार-विहार पर सबसे ज्यादा जोर देते है क्योंकि अधिकतर बीमारियों की जड़ हमारा भोजन तथा जीवन शैली ही होती है। इसलिए एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं को अपने खानपान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है। महिलाओं को अपने डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा हरी सब्जियाँ, पालक एवं एंटीऑक्सीडेंट भोज्य पदार्थो का सेवन जरुर करना चाहिए। खानपान के अलावा आयुर्वेद में कुछ हर्बल सप्लीमेंट तथा योग-प्राणायाम है जो आपको एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से छुटकारा दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
आपको हंसाएगी फिल्म ‘मोदी जी की बेटी’
नई दिल्ली। हाल ही में अभिनेता अवनी मोदी, पितोबश और विक्रम कोचर अपनी जल्द रिलीज होने वाली फिल्म ‘मोदी जी की बेटी’ के प्रमोशन करने के लिए दिल्ली आए। प्रमोशनल कार्यक्रम कनॉट प्लेस स्थित पीवीआर प्लाजा में आयोजित किया गया था। फिल्म 14 अक्टूबर को रिलीज होगी। फिल्म दो बेवकूफ आतंकवादियों पर आधारित है, जो अपनी क्षमता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की बेटी की उपस्थिति की फर्जी खबरों पर विश्वास करते हुए दोनों उसका अपहरण कर लेते हैं। उन्हें देश वापस भेजने के लिए कई तरह की हास्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। निर्देशक एडी सिंह ने बताया, ‘फिल्म ‘मोदी जी की बेटी’ एक सच्ची घटना का नाट्य रूपांतरण है जो हमारी प्रमुख अभिनेत्री-लेखिका अवनी मोदी के साथ हुई थी। यह एक व्यंग्यात्मक कॉमेडी फिल्म है जिसका राजनीति से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।’
वर्ल्ड्स नं. 1 मल्टीविटामिन, सेंट्रम भारत में लॉन्च
नई दिल्ली। वर्ल्ड्स नं. 1 ब्रांड, सेंट्रम1 को दुनिया की सबसे बड़ी हैल्थकेयर कंपनी हेलियोन (तत्कालीन ग्लैक्सोस्मिथक्लाईन कंज़्यूमर हैल्थकेयर) ने लॉन्च कर दिया है। सेंट्रम ने भारत के भिन्न-भिन्न वर्गो के लोगों के लिए 4 मल्टीविटामिंस लॉन्च किए हैं – सेंट्रम विमैन, सेंट्रम मैन, सेंट्रम किड्स और सेंट्रम एडल्ट्स 50+5। यह रेंज शाकाहारी है और ग्लूटनफ्री है। सेंट्रम 40 सालों से पोषण संबंधित विज्ञान पर शोध कर रहा है।6 यह सबसे ज्यादा क्लिनिकली स्टडीड मल्टीविटामिन ब्रांड है2 । इसका लॉन्च भारत में बढ़ती वैलनेस की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया है।
नए लॉन्च के बारे में अनुरिता चोपड़ा, हेड ऑफ मार्केटिंग, भारत उपमहाद्वीप, हेलियोन ने कहा, ‘‘भारत में स्वास्थ्य और इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए एक नई जागरुकता आई है, जिसके कारण हमने सेंट्रम लॉन्च किया है। भारतीय डायटरी सप्लीमेंट्स को बढ़ावा स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ने और लोगों के बीच चुस्त व स्वस्थ रहने की सोच से मिल रहा है। भारत में सेंट्रम का लॉन्च हमें मानवता के साथ रोज बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने का अपना उद्देश्य पूरा करने में सहयोग करेगा। सेंट्रम लॉन्च करने के लिए हमने अपनी ग्लोबल न्यूट्रिशन की एक्सपर्टाईज़ का उपयोग किया है, तथा भारतीय ग्राहकों की पोषण की जरूरतों को भी ध्यान में रखा है। भारत में सेंट्रम के साथ हमारा सफर अभूतपूर्व है और हम उम्मीद करते हैं कि हम विटामिन एवं मिनरल सप्लीमेंट्स को नई ऊँचाईयों पर ले जाने में सफल होंगे।’’
रिसर्च से पता चलता है कि ‘‘भारत में 2 में से 1 व्यस्क को मल्टीविटामिंस की कमी3 है तथा स्कूल जाने वाले हर 2 में से 1 बच्चे को न्यूट्रियंट्स की कमी पाई जाती है।4’’ यह ब्रांड उच्च क्वालिटी के कस्टमाईज़्ड मल्टीविटामिंस द्वारा भारतीय नागरिकों में पाई जाने वाली आज की उभरती पोषण और मल्टीविटामिन की जरूरत को पूरा करता है।
सेंट्रम का उद्देश्य लोगों को विटामिन्स और मिनरल्स की भूमिका के बारे में शिक्षित करना और हर किसी को अपने जीवन में अपना बेस्ट देने में समर्थ बनाना है। सेंट्रम का मानना है कि व्यक्ति तभी बाहर पूरी क्षमता से काम कर सकता है, जब वह अंदर से स्वस्थ महसूस करे, और व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए विटामिन्स एवं मिनरल्स बहुत जरूरी हैं। दैनिक आहार के साथ सेंट्रम लेने से हमारी रोजमर्रा की न्यूट्रिशन की जरूरत पूरी हो सकती है।