औलाद होने की खुशी हर कोई चाहता है। परंतु बहुत से लोग इस खुशी से वंचित हो जाते है। आज के समय में इस खुशी से दूर होने की मुख्य वजह वर्तमान का खानपान, जीवनशैली एवं कुछ बुरी आदतें जिम्मेदार है। हर किसी की जॉब सीटिंग होने के कारण ऑफिस का तनाव एवं अल्कोहल, सिगरेट का सेवन इनफर्टिलिटी का कारण बनते जा रहे हैं।
आज की पूरी कहानी है आधारित है। खुशबू के माँ बनने पर कि कैसे 7 साल का सफर तय करने के बाद खुशबू को माँ बनने की खुशी मिली। खुशबू शादी के बाद इन 7 वर्षों में न जानें कहां-कहां पर इलाज के लिए भटकी परंतु कहीं पर भी उसको सफलता नही मिली।
आज का यह तकनीकी युग भी खुशबू को संतान खुश की खुशियों देने में असफल रहा। संतान सुख पाने की यात्रा में खुशबू ने बहुत चुनौतियों का सामना किया। परंतु इन्होनें अपने अटल इरादों और अपनी सोच के दम पर समाज की कुरितियों का सामना करते हुए। एक ऐसी जगह का चयन किया जहां पर बिना किसी सर्जरी एवं ऑपरेशन के निःसंतानता का इलाज किया जाता है। उस जगह का नाम है आशा आयुर्वेदा जिसकी संचालक है। डॉ चंचल शर्मा जो निःसंतान दंपतियों के लिए आशा की एक नई किरण है।
खुशबू जिसके लिए कई सालों से इधर-उधर भटक रही थी । परंतु उसकी सही मंजिल नही मिल पा रही थी। हमारी टीम जब खुशबू से मिली तो उन्होनें बात करने के दौरान बताया कि इनफर्टिलिटी के कारण 7 वर्ष 6 माह से मेरी गोद सूनी थी। मैं और मेरे पति हर जगह इलाज करवाकर अपनी सारी आशाएं छोड चुके थे। तभी मेरे पति के दोस्त जो बनारस में रहते है। उन्होेंने हमे आशा आयुर्वेदा का नाम सुझाया।
पहले तो मैं और मेरे पति हम दोनों लोग हिचकिचाए पर जब हमने उनके वर्षों के अनुभव और सफलता के बारे में यूट्यूब एवं अन्य जगहों पर उनके बारें में जाना। तो हमने कोशिश की और आज हमारी उसी कोशिश का परिणाम है। कि मुझे बच्चा कंसीव हो चुका है। मैं आशा आयुर्वेदा की पूरी टीम एवं डॉ चंचल शर्मा को धन्यवाद देती हूँ। जिन्होनें मेरी इतनी ज्यादा मदद की है। और मुझे मातृत्व सुख की इतने करीब पहुंचाने में मेरा हर तरीके से साथ दिया है।
आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा अपने वर्षों के अनुभव एवं आयुर्वेदिक पंचकर्म पद्धति के द्वारा कई निःसंतान दंपतियों को मातृत्व व पितृत्व सुख देने में लगातार काम कर रहें है। डॉ चंचल शर्मा ने अब तक अपने आयुर्वेदिक उपचार से अधिक उम्र वाली महिलाओं (करीब 40-45 वर्ष) तक की सूनी गोद को भरा है। आशा आयुर्वेदा फर्टिलिटी सेंटर में आने वाले अधिकांश दंपतियों के आंगल में किलकारियां गूंज चुकी है। कई दंपति विदेशों से भी निःसंतानता का इलाज आशा आयुर्वेदा से ले रहे है और उनको पूरी सफलता मिल रही है। क्योंकि जो काम आइवीएफ तकनीक नही कर पा रही है। वह आशा आयुर्वेदा में पंचकर्म चिकित्सा के द्वारा संभव हो पा रहा है।
7 साल बाद मिला माँ बनने का सुख
साहिर लुधियानवी को दी गयी सुरमयी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली : जज्बे, अहसास, शिद्दत और सच्चाई के शायर साहिर ने अपनी शायरी से दरबार और सरकार के खिलाफ आवाज तो बुलंद की ही, साथ ही उन्होंने अपने दौर में ही आज के हालात को अपनी नज्मों में बयां कर दिया था। बॉलीवुड के उसी विलक्षण शायर को पिछले दिनों दिल्ली में एक स्टेज सिंगिंग शो के जरिये सुरमयी श्रद्धांजलि दी गई। यह केवल एक महज एक सिंगिग शो या श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं था, बल्कि कार्यक्रम संगीत की एक आकाशगंगा थी जिसकी चकाचौंध में लोग घंटों खोये रहे। फिलहारमोनिक सिंगर फेडरेशन के संस्थापक अध्यक्ष जसवंत सिंह मल्होत्रा और सखा कल्चरल सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष अमरजीत सिंह कोहली द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक डॉ. संदीप मारवाह, सबसे पुराने संगीत शिक्षण संस्थान सरस्वती संगीत कॉलेज के निदेशक बीआर सैनी, महान संगीत निर्देशक अनिल बिस्वास की बेटी और दिल्ली और मुंबई में अनिल बिस्वास फाउंडेशन और संगीत स्मृति चलाने वाली सीमा वोहरा बिस्वास, इबादत फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष पृथ्वी हल्दिया, उच्च स्तरीय सेलिब्रिटी शो के आयोजक और वार्षिक गायन प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवा गायकों के प्रमोटर संजय मलिक, मोहम्मद रफ़ी, मन्ना डे, मुकेश, तलत महमूद, मोहिंदर कपूर, सीएच आत्मा के कई लाइव शोज़ कंपेयर कर चुके 95 वर्षीय केसी खुराना की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में सात वर्षीय एहसास क़ैसर, 19 वर्षीय इशिता गुजराल, 14 साल की जेन्या विश्वकर्मा, 20 वर्षीय आरोह शंकर, 14 वर्षीय सुकन्या रावत और 25 वर्षीय चंदर प्रकाश, अभिषेक किशोर, अमृतांशु शर्मा, नितिन कपूर, श्वेता किशोर, जर्नीगर कैसर, जरताज कैसर आदि किशोर—युवा गायक साहिर के लिखे सुपरहिट एवं कर्णप्रिय गीतों को अपने सुरों में बांधकर शो का आकर्षण का केंद्र बने। खास बात यह कि इस शो के मंच कम्पेयर नरेश खन्ना थे, जबकि म्यूजिक अरेंजर बैजनाथ गोसा और सुशांत घई शो के वीडियोग्राफर थे।
उल्लेखनीय है कि पिछले 56 वर्षों से युवा प्रतिभाओं को बढ़ावा दे रहे कार्यक्रम के आयोजकों में से एक अमरजीत सिंह कोहली अब 80 वर्ष के हो गए हैं, लेकिन संगीत की दुनिया में आज भी दम—खम से सक्रिय हैं। गायन प्रतियोगिताओं के माध्यम से उनके द्वारा पहली बार खोजे गए कई गायक आज बॉलीवुड के नामी पार्श्व गायक हैं। उनमें सोनू निगम का नाम भी शामिल है, जिन्होंने 34 साल पहले 31 जुलाई, 1988 को सिंगिंग प्रतियोगिता जीती थी। उस वक्त वह नौवीं कक्षा के छात्र थे। वहीं, दिल्ली परिवहन निगम के मुख्य महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त जसवंत सिंह मल्होत्रा ने कुछ साल फिलहारमोनिक सिंगर्स फाउंडेशन की स्थापना की थी। वह भी तीन साल से गायन प्रतिभा को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने अपना जीवन बड़े पैमाने पर सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया है।
सीके बिरला हेल्थकेयर ने स्पिरिचुअल मेंटर ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी के साथ आयोजित किया विशेष सत्र
नई दिल्ली।सीके बिरला हॉस्टिल और बिरला फर्टीलिटी एण्ड आईवीएफ ने अपनी पंजाबी बाग युनिट में बीके सिस्टर शिवानी के साथ मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण पर विशेष सत्र का आयोजन किया। सत्र के दौरान मानसिक स्वास्थ्य एवं समग्र स्वास्थ्य के कनेक्शन पर चर्चा की गई, साथ ही स्वास्थ्य, उपचार एवं खुशहाली के लिए मस्तिष्क की क्षमता के उपयोग पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में 250+ लोगों ने हिस्सा लिया, जिन्हें समग्र स्वास्थ्य पर बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में प्रति 10000 लोगों की आबादी पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 2443 वर्षों (disability-adjusted life years -DALYs) का नुकसान होता है। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण आर्थिक नुकसान का दायरा भी बहुत बड़ा है। यह भारत और दुनिया भर में सबसे तेज़ी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बन चुका है। इसके अलावा जागरुकता की कमी, खुद-निदान करना और मानसिक बीमारियों से जुड़ी गलत अवधारणां के चलते चुनौतियां और भी बढ़ जाती हैं। कोविड-19 महामारी ने स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। इन सब पहलुओं को देखते हुए दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देना ज़रूरी हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार महामारी के पहले साल में 25 फीसदी युवा अवसाद और चिंता से पीड़ित थे।
मानसिक स्वास्थ्य, एक व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होने से कई गंभीर बीमारियों जैसे दिल की बीमारियों, सांस की बीमारियों, नींद की बीमारियों से बचा जा सकता है। कैंसर और दिल की बीमारी से पीड़ित उन मरीज़ों में मृत्यु दर अधिक होती है जो मानसिक बीमारियों का शिकार होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का फर्टीलिटी से भी सीधा संबंध है। फर्टीलिटी की समस्याओं का उन लोगों पर मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक असर होता है, जो गर्भधारण के लिए कोशिश कर रहे होते हैं। यह भावनात्मक तनाव प्रजनन क्षमता पर और भी बुरा असर डालता है।
इस अवसर पर बीक सिस्टर शिवानी, ब्रह्मकुमारी में अध्यापक, भारत के आध्यात्मिक मुवमेन्ट ने कहा, ‘‘मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दीजिए, अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण रखिए, सकारात्मक विचार रखिए, रोज़ाना कम से कम आधा घण्टा प्रार्थना और मनन कीजिए। अच्छी नींद से भी मन और शरीर स्वस्थ रहता है। सकारत्मक सोच भी महत्वपूर्ण है, हमेशा यही विचार रखिए कि जो होगा अच्छा होगा।’ डॉ कर्नल (प्रोफेसर) पंकज तलवार, हैड, मेडिकल सर्विसेज़ बिरला फर्टीलिटी एण्ड आईवीएफ ने कहा, ‘‘दुनिया भर में बहुत से लोग फर्टीलिटी के लिए इलाज करवाते हैं, जब वे प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं कर पाते। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह समस्या मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद का कारण बन जाती है। इन लोगों को हम यही सलाह देंगे कि तनाव न लें।
फिल्म ‘जर्सी’ की टीम ने दिल्ली में किया प्रमोशन
नयी दिल्ली। हाल ही में शाहिद कपूर और मृणाल ठाकुर अपनी जल्द रिलीज होने वाली फिल्म ‘जर्सी’ के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे। कनॉट प्लेस के पंचतारा होटल ली मेरिडियन में प्रमोशनल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बता दें कि ‘जर्सी’ साउथ की इसी नाम से बनी पॉपुलर फिल्म का हिंदी रीमेक है। यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा है, जिसमें एक क्रिकेटर के संघर्ष को दिखाया गया है। फिल्म में दिखाया है कि कैसे एक खिलाड़ी राजनीति के कारण क्रिकेट छोड़ देता है। स्पोर्ट्स कोटे से मिली नौकरी भी चली जाती है। उसका सात साल का बेटा जर्सी की फरमाइश करता है। उसका सात साल का बेटा एक जर्सी की फरमाइश करता है। जर्सी खरीदने के लिए रुपये चाहिए। इस रकम के बंदोबस्त के लिए वह फिर मैदान में उतरता है, तो इस बार सफलता उसके कदम चूमती है। लेकिन, मैच जीतने के बाद उसके दिल की धड़कनें थम जाती हैं। यह फिल्म 14 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
लगभग दो साल बाद फिल्मों में वापसी कर रहे शाहिद कपूर फिल्म में संघर्षशील क्रिकेटर के रोल में नजर आने वाले हैं। शाहिद ने इस फिल्म के दौरान मिली सीख के बारे में बताया, ‘मैंने इस फिल्म के लिए अपने पिता (पंकज कपूर, जो इस फिल्म में शाहिद के कोच की भूमिका निभा रहे हैं) से बहुत कुछ सीखा। मैंने वास्तव में सेट पर लोगों से पंजाबी में बात करने के लिए कहा, ताकि मैं उन्हें सुन सकूं, क्योंकि भाषा को सुन—बोलकर ही इसे आत्मसात किया जा सकता है। इसे वास्तविक स्पर्श देने के लिए हमने फिल्म के एक हिस्से की शूटिंग पंजाब में की है क्योंकि जब आप उस माहौल में शूटिंग करते हैं, तो अभिनय करना और सीखना अपेक्षाकृत और आसान हो जाता है।’
फिल्म में शाहिद कपूर के अपोजिट मृणाल ठाकुर हैं। मृणाल और शाहिद पहली बार किसी फिल्म में साथ काम कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में मृणाल ने उल्लेख किया, ”जर्सी’ में मैं एक मजबूत महिला का किरदार निभा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि हर महिला इस किरदार के साथ खुद को जोड़ने में सक्षम होगी, क्योंकि खुद को पीड़ित और प्रताड़ित करने के बजाय वह चमकने में सक्षम है।’.
अंधविश्वास से जूझ रहा ग्रामीण क्षेत्र
कुमारी कविता, लमचूला, उत्तराखंड
21वीं सदी के भारत को विज्ञान का युग कहा जाता है, जहां मंगलयान से लेकर कोरोना के वैक्सीन को कम समय में तैयार करने की क्षमता मौजूद है. लेकिन इसके बावजूद इसी देश में अंधविश्वास भी समानांतर रूप से गहराई से अपनी जड़ें जमाया हुआ है. देश के शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास का प्रभाव अधिक देखा जाता है. जहां अनजाने में ही लोग मान्यताएं और संस्कृति के नाम पर अंधविश्वास का शिकार हो जाते हैं. शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण ही ऐसे मामले सामने आते हैं. दरअसल अंधविश्वास का मूल कारण व्यक्ति के अंदर का डर होता है. जिसकी वजह से वह खुद को इस जाल में फसने से रोक नहीं पाता है.जब कोई व्यक्ति कोई कार्य करने जाए और किसी के द्वारा उसे यह कह दिया जाए कि आज यह कार्य करने से कुछ बुरा हो सकता है तो वह डर के कारण चाहते हुए भी वह कार्य नहीं करेगा.
अंधविश्वास का दूसरा मूल कारण अज्ञानता या अल्प ज्ञान भी है. जो जागरूकता में कमी के कारण होती है. यही अल्प ज्ञान जब इंसान पर हावी हो जाता है तो स्वयं की क्षमता और विश्वास में कमी आ जाती है जो अंधविश्वास की ओर अग्रसर होता चला जाता है. देश के दूर दराज़ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी शिक्षा का स्तर कम होगा वहां अंधविश्वास अधिक मज़बूत नज़र आएगा. ऐसा नहीं है कि पढ़े लिखे शहरी क्षेत्रों में अंधविश्वास बिल्कुल समाप्त हो चुका है. कई शिक्षित और उच्च सोसाइटी में भी किसी न किसी रूप में हमें इसका प्रतिबिंब साफ़ नज़र आ जाता है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में अंधविश्वास का समर्थन करने वालों की संख्या काफी कम है. लेकिन वैज्ञानिक युग में देश के महानगरों से अंधविश्वास पूरी तरह से समाप्त हो गया है, यह कहना कठिन होगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्र की एक बड़ी संख्या अंधविश्वास की जाल में जकड़ा हुआ है.
पहाड़ी क्षेत्र उत्तराखंड भी ऐसा ही एक राज्य है, जहां के ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास का बोलबाला है. राज्य के बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक का लमचूला गांव इसका एक उदाहरण है. अंधविश्वास यहां के समाज पर इस कदर हावी है कि गांव में अगर कोई बीमार हो जाए तो उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने से बेहतर झाड़-फूंक करवाना समझते हैं. बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए भी डॉक्टर को दिखाने की जगह झाड़ फूंक को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे कई बार व्यक्ति की जान तक चली जाती है. अंधविश्वास उन्हें खत्म कर रहा है, परंतु लोग इस अंधविश्वास से बाहर निकलना ही नहीं चाहते हैं. अंधविश्वास की यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. हालांकि समाज इसे अंधविश्वास की जगह मान्यता नाम देता है और इसे वह गर्व से अपनाता भी है. हालांकि शिक्षा के प्रसार के बाद नई पीढ़ी में इसके विरुद्ध जागरूकता आई है और वह इसे विज्ञान के दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करता है लेकिन अभी भी ऐसी सोच वालों की संख्या सीमित है.
इस संबंध में गांव की एक किशोरी दीपा का कहना है कि अगर गांव में किसी को पेट दर्द, सर दर्द अथवा स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य परेशानी आती है तो लोग उसे डॉक्टर को दिखाने की जगह किसी के द्वारा किया गया जादू टोना मान कर उसका झाड़ फूंक करवाने का प्रयास करते हैं, जबकि उस समय उसे मेडिकल ट्रीटमेंट की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है. बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की बजाय उसे घर पर ही रखते है और बोलते है कि बाबा को बुलाओं और इन पर लगे देवताओं को हटवाओ, वह इसे अस्पताल में दिखाने की जगह लगातार झाड़ फूंक करवाने का प्रयास करते रहते हैं और आखिरकार उचित इलाज नहीं मिलने के कारण उस इंसान की मौत हो जाती है. इसके बावजूद अक्सर समाज यह स्वीकार करने को तैयार नहीं होता है कि बीमार व्यक्ति को समय पर इलाज की ज़रूरत थी. ऐसा केवल बीमार व्यक्ति के साथ ही व्यवहार नहीं किया जाता है बल्कि माहवारी के चक्र से गुज़र रही किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के साथ भी किया जाता है.
दीपा के शब्दों में ”ऐसे ही माहवारी के दिनों में बेटी और महिलाओं के साथ भी व्यवहार किया जाता है. उसे 11 दिनों तक घर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है और न ही किसी चीज को छूने दिया जाता है. माहवारी के दिनों में लड़कियों और महिलाओं को अशुद्ध मान कर उसे घर से बाहर गौशाला में रहने पर मजबूर किया जाता है. यह घर से जुड़ा सबसे गंदी जगह होती है, जबकि माहवारी के दिनों में सबसे अधिक साफ़ सफाई की आवश्यकता होती है. न केवल शरीर बल्कि रहने की जगह भी साफ़ होनी ज़रूरी है. इस दौरान कई किशोरियों को पेट में दर्द अथवा अन्य तकलीफें होती हैं, जिसके लिए समय समय पर डॉक्टर की सलाह आवश्यक होती है, लेकिन अंधविश्वास में डूबा समाज उस पीड़िता को मेडिकल चेकअप की जगह झाड़ फूंक पर अधिक ज़ोर देता है. इतना ही नहीं, इस दौरान किशोरियों को कड़कड़ते जाड़े के दिनों में भी ठंडे पानी से ही नहाने पर मजबूर किया जाता है. अंधविश्वास के इस ज़ोर के कारण कई बार शारीरिक रूप से कमज़ोर लड़कियां बीमार पड़ जाती हैं. जो बीमारी चंद सजगता से ठीक हो सकती थी वह अंधविश्वास के कारण एक बड़ी समस्या बन जाती है. कई बार इसके कारण लड़कियों को जीवन भर शारीरिक रूप से कष्ट उठाना पड़ता है.
इस संबंध में दीपा और अन्य किशोरियों का कहना है कि हिमालय से सटे इस पहाड़ी क्षेत्र में चाहे कितनी ही ठंड क्यों न हो, किशोरियों को चाहे कितनी ही परेशानियां क्यों न हो, हमें नदी के पानी में ही नहाना होगा. फिर चाहे नदी कितनी भी दूर क्यों न हो, हमें वहां जाना ही होगा और इस परंपरा को निभाना होगा. चिंता की बात यह है कि सदियों से चली आ रही इस परंपरा को स्वयं महिलाएं निभा रही हैं. गांव की एक अन्य किशोरी चांदनी का कहना है कि माहवारी के दिनों में यहां लड़कियों और महिलाओं को मंदिरों में प्रवेश तक नहीं करने दिया जाता है. इस दौरान उसे अशुद्ध मानकर सभी प्रकार के पूजा पाठ या अन्य विधि विधान के कार्यों से दूर रखा जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास का शिकार सबसे अधिक महिलाएं और किशोरियां होती हैं. जिन्हें परंपरा और मान्यता के नाम पर इसकी मार झेलनी पड़ती है. इसे शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है. (चरखा फीचर)
स्ट्रीक्स प्रोफेशनल ने दिल्ली में इस साल के लिए नया कलेक्शन लांच किया
नई दिल्ली। बहुत ही मशहूर प्रोफेशनल हेयर कलर एवं केयर ब्रांड स्ट्रीक्स प्रोफेशनल ने पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित एक प्रोग्राम के दौरान नया कलेक्शन कैलीडोस्ट्कोप पेश किया। इस कलेक्शन में सीजन के अनोखे लुक्स हैं जो जोश से भरे हुए हैं। इस अवसर पर बॉलीवूड की मशहूर हीरोइने वाणी कपूर ने रैम्प पर वॉक करके वहां मौजूद लोगों में जोश भर दिया। स्ट्रीक्स प्रोफेशनल्स ने अलग-अलग लुक्स और स्टाइल्स का रंगारंग तालमेल किया है। दिल्ली में आयोजजत एक फैशन शो में इस कलेक्शन को पेश किया गया जिसमें बड़ी संख्या में हेयर सेपेशलिस्ट मौजूद थी। वाणी के अलावा और भी बहुत सारी मॉडल ने रैम्प पर वॉक किया। इस अवसर पर रोशेल छाबडा ने कहा, “हम सभी को त्योहारों और शादी के मौके पर नए-नए लुक्स एवं स्टाइल्स पसंद है। यहाँ मौजूद वाणी कपूर ने कहा, “स्ट्रीक्स प्रोफेशनल ने हमेशा मुझे अपने कलेक्शन के साथ रोमांचित किया है।
जामिया की प्रोफेसर एमिटी लॉ स्कूल में गीता दर्शन संगोष्ठी में बतौर वक्ता हुई शामिल
नयी दिल्ली। एमिटी लॉ स्कूल के लखनऊ कैंपस द्वारा गीता दर्शन का भारतीय संविधान में मूर्तन विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान केन्द्रीय विश्विद्यालय हिन्दी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर एन. लक्ष्मी अय्यर और विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर दीपक प्रकाश त्यागी उपस्थित रहे थे। इस मौके पर एमिटी लॉ स्कूल के निदेशक प्रोफेसर जय प्रकाश यादव ने अतिथियों का स्वागत किया. संस्था के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुनील धनेश्वर और अतिथियों ने संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन भी किया ।
इस सत्र के समापन पर संगोष्ठी के संयोजक डॉ. अमरेन्द्र श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी के दूसरे दिन जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू केंद्र की डायरेक्टर और जामिया हिन्दी विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर इंदु विरेंद्रा ने दूसरे सत्र की अध्यक्षता की और गीता के मूल्यों पर अपने विचार व्यक्त किये। समानांतर चल रहे अंग्रेजी सत्र में प्रोफेसर प्रीति सक्सेना और प्रोफेसर अशद मालिक ने सत्र की अध्यक्षता की. संगोष्ठी के अंतिम दिन प्रोफेसर जय प्रकाश यादव ने सत्र की अध्यक्षता की और गीता दर्शन की प्रासंगिकता और भारतीय संविधान के मूल्यों पर प्रकाश डाला।
संगोष्ठी के समापन सत्र में धर्म शास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान मुख्य अतिथि के रूप में अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। संगोष्ठी में ट्रिनिडाड से पंडित ज्ञान देव और विंग कमांडर प्रोफेसर अनिल तिवारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस संगोष्ठी में कुल 30 प्रपत्रों का वाचन ऑनलाइन और ऑफ लाइन में किया।
संगोष्ठी का संयोजन डॉ. अमरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने किया । इस अवसर पर डॉ. रेश्मा ,डॉ. अरविन्द सिंह ,डॉ. तपन चंदोला ,डॉ. अर्पिता कपूर ,डॉ. अक्षिता श्रीवास्तव व अन्य संकाय के सदस्य उपस्थित रहे ।
प्राइम वीडियो ने पहले लीगल ड्रामा ‘गिल्टी माइंड्स’ के वर्ल्ड प्रीमियर की घोषणा की
मुंबई। प्राइम वीडियो ने अपना पहला लीगल ड्रामा ‘गिल्टी माइंड्स’ की घोषणा की, जिसमें श्रिया पिलगांवकर (मिर्जापुर) और वरुण मित्रा (जलेबी, तेजस) मुख्य भूमिका में हैं। शेफाली भूषण द्वारा रचित व निर्देशित, और जयंत दिगंबर समलकर द्वारा सह-निर्देशित यह लीगल ड्रामा, दो युवा और महत्वाकांक्षी वकीलों की यात्रा का अनुसरण करता है। जहां, एक सद्गुण का प्रतीक है, वहीं दूसरा एक जानी-मानी कानूनी फर्म से जुड़ा है, जो सभी तरह के मुसीबतों का सामना करता है। इस सीरीज़ में नम्रता शेठ, सुगंधा गर्ग, कुलभूषण खरबंदा, सतीश कौशिक, बेंजामिन गिलानी, वीरेंद्र शर्मा, दीक्षा जुनेजा, प्रणय पचौरी, दीपक कालरा और चित्रांगदा सतरूपा भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं और इसमें करिश्मा तन्ना, शक्ति कपूर और सुचित्रा कृष्णमूर्ति जैसे अभिनेताओं का गेस्ट अपीयरेंस भी हैं।
करण ग्रोवर द्वारा निर्मित और अंतरा बेनर्जी व नावेद फारूकी द्वारा सह-निर्मित, इस कोर्ट रूम ड्रामा में, वकीलों द्वारा पेचीदा मामले लड़े जाते हैं, जिनकी विचारधाराएं टकराती हैं। भारत एवं 240 देशों और क्षेत्रों में प्राइम मेंबर्स 22 अप्रैल, 2022 से इस अमेज़ॉन ओरिजिनल सीरीज़ को स्ट्रीम कर सकते हैं।
अमेजन पर वीकेंड शॉपिंग ईवेंट 24 अप्रैल 2022 तक जारी रहेगा
बेंगलुरू। अमेजन फैशन ने मेगा फैशन वीकेंड की घोषणा की है। यह तीन दिवसीय वीकेंड शॉपिंग ईवेंट है, जिसमें अगले 5 वीकेंड तक आपके पसंदीदा फैशन ब्रांडों पर कुछ सबसे जबर्दस्त डील्स पेश की जाएंगी। यह ईवेंट 24 अप्रैल तक जारी रहेगा। तो फिर देर किस बात की, अमेजन फैशन पर उपलब्ध सीज़न की सबसे बेहतरीन डील्स और ऑफ़र के साथ शुरू कीजिए अपने पसंदीदा फैशन एवं ब्यूटी प्रोडक्ट की खरीदारी।
अमेजन फैशन में परिधान, जूते, हैंडबैग, एक्सेसरीज़, सौंदर्य प्रसाधन, स्किनकेयर, हेयरकेयर आदि से लेकर विभिन्न प्रकार के उत्पादों के साथ आपकी फैशन एवं ब्यूटी से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्रांडों का सबसे बड़ा संग्रह उपलब्ध है। ग्राहक Amazon.in के इस मेगा फैशन वीकेंड के दौरान चुनिंदा फैशन एवं ब्यूटी उत्पादों पर 70% तक की छूट (इंडिपेंडेंट थर्ड पार्टी सेलर्स एवं ब्रांडों द्वारा पेश कर गई) का लाभ उठा सकते हैं। इसके साथ ही 3,000* रुपये (500 रुपये का अधिकतम कैशबैक) के न्यूनतम ऑर्डर पर 10% कैशबैक भी प्राप्त कर सकते हैं।
पहली बार खरीदारी करने वालों को कपड़े, जूते, घड़ियां, लगेज, ज्वैलरी और सौंदर्य उत्पादों के अपने पहले ऑर्डर पर 200 रुपये तक का 20% कैशबैक मिल सकता है। डब्ल्यू फॉर वीमेन, यूसीबी, प्यूमा, फॉसिल, मिनिमलिस्ट, कामा आयुर्वेद, हाईडिज़ाइन जैसे कुछ सबसे पसंदीदा ब्रांड इस मेगा फैशन वीकेंड के दौरान अमेजन फैशन पर अपना विशाल संग्रह पेश करने के लिए एक साथ आए हैं। आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे ही टॉप ट्रेंड्स और सलेक्शन पर जिन्हें आप मेगा फैशन वीकेंड के दौरान अपना सकते हैं:
वेरो मोडा ड्रेस – इस खूबसूरत और सदाबहार ए-लाइन ड्रेस के साथ अपनी अलमारी में गर्मियों के कुछ नए रंग शामिल करें। इस ड्रेस को आप ब्रंच डेट, डे आउटिंग या कॉकटेल पार्टी में भी पहन सकते हैं। यह 1,259 रुपये में उपलब्ध है।
यूनाइटेड कलर्स ऑफ़ बेनेटन मेन्स कैज़ुअल शर्ट – यह ग्रे कैज़ुअल शर्ट आपके पास होनी ही चाहिए। इस शर्ट की खासियत लंबी आस्तीन और हवादार कपड़ा है। यह शर्ट गर्मियों में किसी भी कैजुअल मौके पर पहनने के लिए एकदम सही है। यह 1,531 रुपये में उपलब्ध है।
रेड टेप मेंस शूज – हम धीरे-धीरे एक बार फिर दफ्तर जाना शुरू कर रहे हैं, ऐसे में ये खूबसूरत और दमदार फॉर्मल शूज आपकी अलमारी में होना ही चाहिए। बेहतरीन क्वालिटी वाला यह डार्क ब्राउन फॉर्मल स्लिप-ऑन शूज आपकी स्टाइल को और भी बेहतरीन बना देगा। यह 999 रुपये में उपलब्ध है।
शुगर कॉस्मेटिक्स 9 टू 5 क्लासिक मिनी लिपस्टिक सेट – अपने लुक को और भी खूबसूरत बनाने के लिए कई तरह के चंचल और बोल्ड रंगों में से अपना पसंदीदा रंग चुनें। यह ट्रांसफर प्रूफ और शानदार मैट फिनिश लिपस्टिक सेट आपकी ब्यूटी किट में होना ही चाहिए। यह 799 रुपये में उपलब्ध है।
फॉसिल जेन 5 मेंस स्मार्टवॉच – यह टचस्क्रीन स्मार्टवॉच ऑडिबल अलर्ट और फोन कॉल लेने तथा गूगल असिस्टेंट रिस्पॉन्स के लिए स्पीकर के साथ आती है, इसके अलावा इसमें डिस्टेंस ट्रैकिंग के लिए बिल्ट-इन जीपीएस, स्विम प्रूफ डिजाइन, गूगल असिस्टेंट रिस्पॉन्स आदि और भी बहुत कुछ मिलेगा। अपने 1.28-इंच के शानदार डिस्प्ले के साथ, यह स्मार्टवॉच आपके लुक को स्टाइलिश मेकओवर देने की गारंटी देती है। यह 18,495 रुपये में उपलब्ध है।
हाईडिज़ाइन वुमंस शोल्डर बैग – एक बड़ा लेकिन स्टाइलिश हैंडबैग हर महिला के लिए बेहद जरूरी होता है। आप इस हैंडबैग को डेट पर, ऑफिस में या किसी पार्टी में भी ले जा सकते हैं, यह सदाबहार शोल्डर बैग किसी भी पोशाक और अवसर के साथ अच्छा लगेगा। यह 5,702 रुपये में उपलब्ध है।
यलो चिम्स मल्टीलेयर नेकलेस – मल्टीलेयर नेकपीस के साथ आप हमेशा खूबसूरत लगेंगी। चाहे आपकी गर्दन गहरी हो या गोल, आप इस नाजुक और ग्लैमरस दिखने वाले गोल्ड टोन्ड क्रिस्टल ड्रॉप नेकलेस के साथ आसानी से अपनी पोशाक को और भी खूबसूरत बना सकती हैं। यह 231 रुपये में उपलब्ध है।
लोरियल पेरिस रिवाइटलिफ्ट 1.5% हयालूरोनिक एसिड फेस सीरम – इस बेहद हाइड्रेटिंग फेस सीरम से अपनी त्वचा को गर्मियों के लिए तैयार रखें। एक चमकदार, युवा और चिकनी त्वचा पाने के लिए इसे नियमित रूप से प्रयोग करें। यह 380 रुपये में उपलब्ध है।
पाको रबान ईयू डी टॉयलेट फॉर मेन – बेहद शानदार और लक्ज़री सुगंध ताजगी के साथ शुरू होती है। इस परफ्यूम की स्पाइसी लैदर सुगंध आपको मदहोश कर देती है। साथ ही लंबे समय तक बनी रहने वाली यह सुगंध आपके आस-पास के लोगों पर एक अलग छाप छोड़ती है। यह 6,100 रुपये में उपलब्ध है।
कैरोलिना हेरेरा गुड गर्ल ईओ डी परफ्यूम – लक्जरी वह है जो न केवल अच्छी महकती है, बल्कि आपको अच्छा महसूस कराती है। रोस्टेड टोंका बीन्स और कोको की दमदार और लंबे समय तक टिकने वाली सुगंध का आनंद लें जो विशेष रूप से आधुनिक महिलाओं के लिए बनाई गई है। यह 7,400 रुपये में उपलब्ध है।
रॉकी भाई की दुनिया में एंटर होने के लिए मेकर्स ने मेटावर्स में ‘KGFverse’ को किया इंट्रोड्यूस
मुंबई। साल की सबसे ज्यादा बहुप्रतीक्षित फिल्मों में ‘KGF चैप्टर 2’ आपने ट्रेलर के रिलीज के साथ ही दर्शकों के बीच ज़बरदस्त उत्साह बनाने में कामयाब रही है। देश भर में हलचल मचाने के बाद, फ्रैंचाइज़ी ने सभी को ‘KGF’ की दुनिया से रूबरू कराने के लिए मेटावर्स मे एंट्री कर ली है। ऐसे में यश के फैंस अब मेटावर्स में रॉकी भाई की दुनिया यानी ‘KGF’ को एक्सप्लोर और अनुभव कर पाएंगे।
फ्रैंचाइज़ी को प्रशंसकों से मिले प्यार के बदले, KGFverse एक डिजिटल अवतार-बेस्ड यूनिवर्स है, जो इन प्रशंसकों को समर्पित है। आने वाले दिनों में, निर्माता प्रशंसकों के समुदाय को मेटावर्स में फ्रैंचाइज़ी के विस्तार के रूप में वर्चुअल एनवायरनमेंट और गेम की एक सीरीज बनाने में सक्षम बना रहे हैं। एल-डोरैडो (जिस किताब पर KGF फ्रैंचाइजी आधारित है) के टोकन के मालिक होने से शुरू होकर, प्रशंसक एक एक्सक्लूसिव क्लब का हिस्सा बन सकते हैं जो उन्हें फिल्म के अवतार, प्रॉप्स, लैंड पार्सल और एनएफटी के रूप में बाकी यादगार चीजों में एक्सेस देता है। सदस्यों को अन्य एनएफटी, सरप्राइज एयरड्रॉप्स और फिल्म के व्यक्तिगत इवेंट्स में हिस्सा लेने का मौका् भी मिलेगा।
निर्माताओं ने KGFverse को अपने सोशल मीडिया पर पेश किया हैं
“#Metaverse जल्द ही रॉकी भाई की दुनिया बनने जा रही है। एक ग्रैंड एंट्री के लिए तैयार हो जाइए। 7 अप्रैल को सेल लाइव होगी तो बने रहें।
KGFVerse: https://movies.lysto.io
KGFChapter2
@TheNameIsYash @prashanth_neel @VKiragandur @hombalefilms”
https://twitter.com/hombalefilms/status/1509043996865216513?t=MCMNoC9a51lg99KfIt5CJw&s=08
“#Metaverse is going to be Rocky Bhai’s world soon.
“#Metaverse जल्द ही रॉकी भाई की दुनिया बनने जा रही है।
ग्रैंड एंट्री के लिए तैयार हो जाइए।
7 अप्रैल को सेल के लाइव होने पर बने रहें।
KGFVerse: https://movies.lysto.io/
KGFChapter2″
https://www.instagram.com/tv/Cbt3rtjjH5A/utm_source=ig_web_copy_link
14 अप्रैल, 2022 को कन्नड़, तेलुगु, हिंदी, तमिल और मलयालम में देशभर में रिलीज होने वाली KGF: चैप्टर-2 प्रशांत नील द्वारा लिखित और निर्देशित है, जो सबसे अधिक डिमांड में रहने वाले निर्देशकों में से एक है। इसे होम्बले फिल्म्स के बैनर तले विजय किरागंदूर द्वारा निर्मित किया गया है। उभरते हुए पैन इंडिया प्रोडक्शन हाउसों में से एक, होम्बले फिल्म्स अगले दो वर्षों में भारतीय सिनेमा में कुछ सबसे बड़ी फिल्मों का प्रदर्शन करने के लिए तैयार है, जिसमें प्रभास अभिनीत बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सालार’ भी शामिल है।
फिल्म को उत्तर-भारतीय बाजारों में रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की एक्सेल एंटरटेनमेंट और एए फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। एक्सेल ने दिल चाहता है, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, दिल धड़कने दो और गली बॉय जैसी सुपरहिट फिल्में दी हैं।