नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र और भाजपा के आधीन आने वाली एजेंसियों पर एमसीडी का करीब 27,800 करोड़ रुपए बकाया है। केंद्र सरकार पर 12,444 करोड़, साउथ एमसीडी पर 2500 करोड़, डीडीए पर 857 करोड़ रुपए और होर्डिंग्स का 12000 करोड़ रुपए नॉर्थ एमसीडी का बकाया है। एमसीडी यह बकाया पैसा वसूलकर कर्मचारियों को वेतन दे सकती है लेकिन दिल्ली सरकार को ऐंठने और बदनाम करने के लिए ऐसा नहीं करती। वह जानकर कर्मचारियों को हड़ताल करने देती है। इसी के चलते डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के बाद अब टीचर्स भी हड़ताल पर चले गए हैं। 8 दिसंबर को भाजपा मुख्यालय पर करीब 7000 टीचर्स धरना देंगे। उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में दिल्ली की जनता भाजपा को एमसीडी से छुट्टी देगी। जिसके बाद दिल्ली सरकार के साथ निगम में भी अच्छा काम होगा।
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम इस पर मुद्दे पर दो-तीन बार प्रेस वार्ता कर चुके हैं कि नॉर्थ एमसीडी ने अपने डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, टीचर्स को और अन्य कर्मचारियों को दिवाली का बोनस तो बहुत दूर की बात है, उन्होंने दिवाली पर उनको तनख्वाह तक नहीं दी। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद उन्होंने तनख्वाह जारी नहीं की। 3 महीने की तनख्वाह बकाया है और 5 महीने का डीए, एचआरए बकाया है।
डॉक्टर्स और नर्सेस डेंगू के सीजन में हड़ताल पर चले गए। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों ने मरीजों को भर्ती करना बंद किया हुआ है। और अब 29 नवंबर यानी कि परसों से नॉर्थ एमसीडी के करीब 7000 टीचर्स ने बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज लेना भी बंद कर दिया। यानी कि प्राइमरी स्कूल के करीब डेढ़ लाख बच्चे, जो हमारी दिल्ली का भविष्य हैं, उनकी क्लासेज भी अब बंद हैं। यह बड़ी शर्म की बात है। और टीचर्स ने हड़ताल करने से पहले कई बार भाजपा मुख्यालय और भाजपा के नेताओं को चेतावनी दी थी। लेकिन बावजूद इसके कोई हल नहीं निकाला गया।
भाजपा नेताओं के झूठे वादों की पोल खेलते हुए उन्होंने कहा कि एक बात रिकॉर्ड के तौर पर मैं आपको बता दूं, हालांकि सभी जानते हैं फिर भी मैं आपको बता दूं कि एमसीडी में दर्जनों विभाग हैं, जिसमें अबतक कर्मचारियों की कई हड़तालें हुई हैं। 2018 में भूख हड़ताल सफाई कर्मचारियों द्वारा की गई जो लगभग 2 महीने चली। उस दौरान मनोज तिवारी ने झूठे वादे किए लेकिन उसमें से अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया। उसके बाद सितंबर 2020 में एमसीडी के सभी वर्ग ए, बी, सी, डी वर्ग के सभी कर्मचारी, डॉक्टर्स, नर्सेज, टीचर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी, सब लोगों ने एक लंबी हड़ताल की। फिर से भाजपा के नेताओं ने उनसे बड़े-बड़े वादे किए वह वादे भी अभी तक पूरी नहीं किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अब एमसीडी के डॉक्टरों के बाद एमसीडी के टीचर्स हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने कहा है कि 8 दिसंबर को भाजपा मुख्यालय पर करीब 7000 टीचर धरना देंगे। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो उसके बाद वह अपनी हड़ताल को और गंभीरता से आगे बढ़ाएंगे। एक सामान्य सी बात सबके दिमाग में आती होगी कि ऐसा क्या कारण है कि नॉर्थ एमसीडी, ईस्ट एमसीडी या कई बार साउथ एमसीडी में भी बार-बार हड़ताल की जाती है। ऐसा क्यों है कि अपने ही कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दी जाती है।